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गुरु की महत्ता को समझते हुए हर वर्ष भारत में पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस यानि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. वैसे तो इस अवसर पर उन शिक्षकों को उनके अतुलनीय योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है जो विद्यालय में विद्यार्थियों को विद्या देते हैं. लेकिन व्यक्ति के जीवन में कई बार ऐसे मौके भी आते हैं जब कोई उन्हें ऐसा सीख दे जाता है जिससे उनकी पूरी लाइफ बदल जाती है.
गुरु-शिष्य की परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है, जिसके कई स्वर्णिम उदाहरण हमारे इतिहास में दर्ज हैं. लेकिन वर्तमान समय में आज हम आपको उन लोकप्रिय गुरुओं से मिलाने जा रहे हैं जिनकी एक सीख ने उनके शिष्यों महान बना दिया.
गुरु- रमाकांत आचरेकर, शिष्य: सचिन तेंदुलकर
आज सचिन जिस मुकाम पर हैं उसके पीछे उनके गुरु रमाकांत आचरेकर का बहुत बड़ा योगदान है. गुरु आचरेकर ने हर मौके पर सचिन को सही सलाह दिए. जरूरत पड़ने पर उन्हें डांटा भी. सचिन के शब्दों में ‘कोच आचरेकर के एक चांटे ने उनकी जिंदगी बदल दी’.
गुरू- ब्रदर डिसूजा, शिष्य: शाहरुख खान
ब्रदर डिसूजा वह गुरु है जिसने शाहरुख खान को न केवल शिक्षा दी बल्कि कई खेल भी सिखाया. उन्होंने शाहरुख के लिए टीचर के साथ-साथ पादरी की भूमिका भी अदा की. यही नहीं, उन्होंने जीवन के तौर तरीके भी शाहरुख को सिखाए. शाहरुख भी उन्हें अपने माता-पिता के बाद सबसे ज्यादा मानते रहे हैं.
गुरू- हरिवंश राय बच्चन, शिष्य: अमिताभ बच्चन
इंसान की लाइफ में उसका सबसे बड़ा गुरू उसका उसका पिता ही होता है. महान अभिनेता अमिताभ बच्चन की लाइफ में भी उनका सबसे बड़ा गुरू उनके पिता हरिवंश राय बच्चन ही थी. हरिवंश राय बच्चन की सीख, कविता और संस्कार ही थे जिसकी वजह से आज अमिताभ इस मुकाम पर हैं.
गुरू- पुल्लेला गोपीचंद, शिष्य– सायिना नेहवाल
सायिना नेहवाल को बेडमिंटन स्टार बनाने में उनके गुरू और कोच पुल्लेला गोपीचंद का बहुत ही बड़ी भूमिका है. उनके कड़े नियम और सीख की वजह से ही सायना आज इस मुकाम पर पहुंची हैं.
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गुरू- फ्रेट राइट और एन स्टीफंस, शिष्य: बिल गेट्स
जिस माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने पूरी दुनिया में धमाल मचाया है उसके पीछे बिल गेट्स के गुरू फ्रेट राइट और एन स्टीफंस का बहुत ही बड़ा योगदान है.
गुरू- सुशील कुमार, शिष्य– सतपाल
ऑलंपिक, कॉमनवेल्थ तथा कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में धूम मचाने वाले सुशील कुमार आज जिस मुकाम पर है उसके पीछे उनके गुरू सतपाल पहलवान का बहुत बड़ी भूमिका है.
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गुरू- इमोजेन ‘टेडी’ हिल, शिष्य- स्टीव जॉब्स
महान उद्यमी तथा एप्पल इंक के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स को अगर किसी ने बनाया है तो वह इमोजेन ‘टेडी’ हिल थी. स्वयं स्टीव जॉब्स मानते हैं कि अगर टेडी न होती तो वह जेल में होते.
गुरू- डिंग्को सिंह और सुरंजॉय सिंह, शिष्य- मैरीकॉम
मैरीकॉम को मुक्केबाज बनाने में पूर्व मुक्केबाज डिंग्को सिंह और और सुरंजॉय सिंह का हाथ है. दोनों ने हर मौके पर मैरीकॉम को प्रेरित किया.
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गुरू- दादा भाई नौरोजी, शिष्य- महात्मा गांधी
वैसे तो गोपाल कृष्ण गोखले को महात्मा गांधी का राजनीति गुरू माना जाता है लेकिन दादा भाई नौरोजी ने भी जरूरत पड़ने पर महात्मा गांधी का मार्गदर्शन किया है.
गुरू-ओपरा विनफ्रे, शिष्य- मिसेज डंकन
बिजनेस वुमैन, एक्टर और टीवी प्रेजेंटर ओपरा विनफ्रे को कौन नहीं जानता. इनके एक्टिंग और टीवी शो के चर्चे पुरी दुनिया में है. आज जिस जगह पर विनफ्रे हैं उसमें उनके गुरू मिसेज डंकन का बहुत ही बड़ा योगदान है.
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