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आज 26 नवंबर है….. एक ऐसा दिन जो भारतीय इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में लिखा गया था.. जिसे याद करना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है. यह एक ऐसा दिन था जिस दिन भारत ने पूर्ण रूप से अपनी इमारत की नींव सजाई थी और सभी भारतीयों को यह अहसास कराया था कि हम एक सुदृढ़ देश के निवासी हैं जो सम्पूर्ण है. लेकिन ऐसा क्या हुआ था 26 नवंबर को जिसे कई भारतीय जानते तो हैं लेकिन यूँ ही भूल जाते हैं.
हमारे देश को 15 अगस्त, 1947 में पूर्ण रूप से आजादी प्राप्त हुई थी और फिर 26 जनवरी, 1950 में एक संस्था के गठन की कोशिशों के बाद भारत को ‘संविधान’ का वरदान प्राप्त हुआ था. लेकिन क्या यहीं तक सीमित था भारतीय संविधान का इतिहास? या फिर ऐसी कई बातें हैं जो आज तक हम भारतीयों की जानकारी में नहीं हैं.
भारतीय संविधान सर्वसम्मति से तो 26 जनवरी, 1950 में लागू किया गया था लेकिन इसका कार्य इससे बहुत पहले पूरा हो गया था. 26 नवंबर, 1949, एक ऐसा दिन जब भारतीय संविधान सभा की ड्राफ्टिंग समिति ने बाबा साहेब अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान के निर्माण कार्य को समाप्त कर संविधान सभा को सौंप दिया था लेकिन उस समय सरकार संविधान को देश भर में पारित कराने में सफल नहीं हो पाई. आखिरकार 26 जनवरी, 1950 को समूचे भारतवर्ष में इसे अंगीकृत किया जा सका.
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करीब 6 दशकों में 100 से भी कम संशोधन होने के कारण भारतीय संविधान की गिनती विश्व के श्रेष्ठ संविधान के तौर पर की जाती है. जानिए संविधान से जुड़ी कई ऐसी बातें जो अमूमन लोग नहीं जानते हैं…
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