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खुशवंत सिंह: ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में लौटाया पद्मभूषण

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साहित्य के क्षेत्र में जब कभी भी बेबाक और बिंदास शख्सियत का जिक्र होता है तो वहां खुशवंत सिंह का नाम जरूर लिया जाता है. प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक, उपन्यासकार और इतिहासकार खुशवंत सिंह कल 99 साल के हो जाएंगे, लेकिन उनका लेखन कार्य आज भी सक्रिय रूप से जारी है.


khushwant singh 1खुशवंत सिंह का जीवन

साहित्य के क्षेत्र में 64 साल से ज्यादा वक्त गुजार चुके खुशवंत सिंह का जन्म दो फरवरी, 1915 को पंजाब के हदाली नामक स्थान (अब पाकिस्तान में) में हुआ था. खुशवंत सिंह की शिक्षा गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, लंदन में हुई. उन्होंने लंदन से ही कानून की डिग्री ली. उसके बाद तक लाहौर में वकालत करते रहे.


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मनमोहन सिंह एक ईमानदार नेता

जिस मनमोहन सिंह की आज चौतरफा आलोचना हो रही है उस मनमोहन सिंह को लेखक खुशवंत सिंह ने 2010 में अपनी नई किताब में नेहरू से भी महान प्रधानमंत्री करार दिया था. प्रधानमंत्री की इस ईमानदारी का जिक्र खुशवंत सिंह ने अपनी पुस्तक ‘द एब्सॉल्यूट खुशवंत’ में की है.

उनके शब्दों में “जब लोग ईमानदारी की बात करते हैं तो मैं मनमोहन का उदाहरण उनके सामने रखता हूं कि किस तरह देश के सर्वोच्च पद पर रहते हुए वो कैसा सादा जीवन जीते हैं”.


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आम आदमी का लेखक

लेखन और भाषा शैली से आम आदमी को जोड़ने की जो क्षमता खुशवंत सिंह के पास है, वो अंग्रेजी के किसी भी समकालीन लेखक के पास नहीं है. उन्होंने अपने लेखन और कॉलम में बड़े ही सहजता के साथ आम आदमी के साथ संवाद स्थापित किया.


ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में पद्मभूषण का सम्मान लौटाया

जीवनभर अपनी शर्तों पर चलने वाले खुशवंत सिंह ने कभी भी अपने उसूलों से समझौता नहीं किया. वह खुद को धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक सिख मानते हैं. यही वजह है कि वह एक तरफ तो खालिस्तान के पैरोकारों की सख्त आलोचना करते हैं तो दूसरी तरफ स्वर्ण मंदिर पर सेना की कार्यवाही का विरोध भी करते हैं. 1974 में राष्ट्रपति ने खुशवंत सिंह को ‘पद्म भूषण’ के अलंकरण से सम्मानित किया लेकिन अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में केन्द्र सरकार की आज्ञा से सेना की कार्यवाही के विरोध में उन्होंने 1984 में लौटा दिया था.


खुशवंत सिंह को अन्य पुरस्कार

2000 ई. में खुशवंत सिंहको ‘वर्ष का ईमानदार व्यक्ति’ सम्मान मिला था. 2007 में इन्हें ‘पद्म विभूषण’ से भी सम्मानित किया गया. मुंबई साहित्य उत्सव 2013 में लेखक खुशवंत सिंह को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया.


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