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फिल्मों में अभिनय के जरिए एक अलग पहचान बनाना किसी भी कलाकार के लिए असान नहीं होता, खासकर उस कलाकार के लिए जिसने अपनी फिल्मी कॅरियर में अधिकतर खलनायक की भूमिका निभाई हो. ‘जख्म’, ‘दुश्मन’ और ‘संघर्ष’ जैसी बेहतरीन फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके आशुतोष राणा की पहचान एक ऐसे अभिनेता की है जिन्होंने नकारात्मक भूमिका में जान फूंकने की कोशिश की.
अभिनेता आशुतोष का जीवन
अभिनेता आशुतोष राणा का जन्म 10 नवंबर, 1964 को मध्य प्रदेश के गाडरवाड़ा में हुआ. उनका बचपन गाडरवाड़ा में ही बीता और उनकी शुरुआती शिक्षा भी वहीं पर हुई. वह बचपन में शहर की रामलीला नौटंकी में रावण की भूमिका निभाते थे. अभिनय की ओर झुकाव होने की वजह से आध्यात्मिक गुरु पंडित श्री देव प्रभाकर शास्त्री की सलाह पर अशुतोष नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा दिल्ली आ गाए और अभिनय का अध्ययन किया.
‘जय दादा’ के नाम पहचाने जाने वाले आशुतोष राणा ने अभिनेत्री रेणुका शहाणे से शादी की है. वे दो बेटों के पिता हैं जिनके नाम सूर्यमन और सत्येन्द्र राणा हैं.
आशुतोष राणा फिल्मी कॅरियर
आशुतोष राणा ने अपने अभिनय कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1995 में टेली सीरियल ‘स्वाभिमान’ से की थी लेकिन उनको असली पहचान 1998 में आई फिल्म ‘दुश्मन’ से मिली. इस फिल्म में उन्होंने ‘साइको किलर’ की भूमिका निभाई थी. इसके अलावा ‘लज्जा शंकर’ की भूमिका में आशुतोष राणा ने फिल्म ‘संघर्ष’ में बेहतरीन अभिनय किया था. लज्जा शंकर इस फिल्म में बच्चों की बलि देता है. फिल्म ‘संघर्ष’ में आशुतोष राणा के अभिनय को देखकर दर्शकों के रोंगटे खड़े हो गए थे. ‘संघर्ष’ और ‘दुश्मन’ के लिए आशुतोष राणा को फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला.
आशुतोष राणा के बारे में ऐसा कहा जाता है कि कॅरियर के शुरुआती स्टेज पर जब वह निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट से मिलने गए तो भट्ट ने उन्हें फिल्म के सेट से बाहर निकलवा दिया था. इस घटना पर आशुतोष कहते हैं कि जब वह भट्ट से मिलने गए और भारतीय परंपरा अनुसार उनके पांव छूए तो वह भड़क उठे क्योंकि उन्हें पैर छूने वालों से बहुत नफरत है.
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