Menu
blogid : 3738 postid : 637281

दीपावली केवल पर्व नहीं बल्कि एक संस्कृति और परंपरा है

Special Days
Special Days
  • 1020 Posts
  • 2122 Comments

भारत में मनाए जाने  वाले पर्व और त्यौहार मात्र उत्सव नहीं होते जिन्हें उल्लास और उमंग के साथ मनाकर एक औपचारिकता पूरी कर दी जाती है बल्कि अधिकांश पर्वों में एक संस्कृति, इतिहास और परंपरा निहित है. ऐसा ही एक पर्व है दीपावली, जिसे पूरे देश में धर्म और जाति की बंदिशे तोड़कर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.


deepavali 12इन देवता की पूजा की जाती है

दीपावली के दिन लक्ष्मी, गणेश और सरस्वती की पूजा करने का विधान है. इस दिन गणेश जी की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि गणेश की अराधना के बिना कोई भी पूजन अधूरा होता है, लक्ष्मी जी धन की देवी है.  धन व सिद्धि के साथ ज्ञान भी पूजनीय है और ज्ञान की पूजा के लिए मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इसलिए अगर एक ही फोटो में तीनों देवता हों तो अच्छा रहेगा.


कहा जाता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान राम अपनी पत्नी सीता के साथ चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे. इसलिए आज के दिन भगवान राम और माता सीता की भी पूजा की जाती है. दीपावली के दिन धन के देवता कुबेर, इंद्र देव तथा समस्त मनोरथों को पूरा करने वाले विष्णु भगवान की भी पूजा की जाती है.


दीपावली पूजन विधि

कहा जाता है कि लक्ष्मी वहीं वास करती है जहां सफाई और स्फूर्ति हो, इसीलिए दिन सुबह-सुबह जल्दी उठकर नहा लेना चाहिए और आलस्य का त्याग करना चाहिए. लक्ष्मी आलस्य करने वालों का साथ नहीं देती. लक्ष्मी जी के स्वागत की तैयारी में घर की सफाई करके दीवार को चूने अथवा गेरू से पोतकर लक्ष्मीजी का चित्र बनाएं. आप चाहे तो लक्ष्मी जी की तस्वीर भी लगा सकते हैं.


लक्ष्मी जी के चित्र के सामने एक चौकी रखकर उस पर मौली बाँधें. अब चौकी पर छः चौमुखे व 26 छोटे दीपक रखें. इनमें तेल-बत्ती डालकर जलाएं. फिर जल, मौली, चावल, फल, गुढ़, अबीर, गुलाल, धूप आदि से विधिवत पूजन करें. पूजा पहले पुरुष तथा बाद में स्त्रियां करें. पूजा के बाद एक-एक दीपक घर के कोनों में जलाकर रखें.



एक छोटा तथा एक चौमुखा दीपक रखकर निम्न मंत्र से लक्ष्मीजी का पूजन करें:

नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरेः प्रिया.

या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात्वदर्चनात॥


इस मंत्र से कुबेर का ध्यान करें:

धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च.

भवंतु त्वत्प्रसादान्मे धनधान्यादिसम्पदः॥


लक्ष्मी जी खुश करने के लिए क्या करें

धन व लक्ष्मी की पूजा के रूप में लोग लक्ष्मी पूजा में नोटों की गड्डी व चांदी के सिक्के भी रखते हैं.

इस दिन रंगोली सजा कर मां लक्ष्मी को खुश किया जाता है.

लक्ष्मी जी को लाल रंग के कमल के फूल चढ़ाना विशेष रूdiwali celebration in indiaप से शुभ फलदायी होता है.

दीपावली के दिन दक्षिणावर्ती शंख का पूजन अत्यंत शुभ माना जाता है. शंख पूजन से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं.

इस दिन शंख पर अनामिका अंगुली से पीला चंदन लगाकर पीले पुष्प अर्पित करके और पीले रंग के नैवेद्य का ही भोग लगाना चाहिए.


पूजन सामग्री

लाल वस्त्र , फूल, 5 सुपारी, लौंग,  पान के पत्ते, घी, कलश, कलश हेतु आम का पल्लव, कलावा, रोली, सिंदूर, 1 नारियल, अक्षत, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, पंचामृत ( दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी , अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली. कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन.


शुभ मुहूर्त

प्रदोष काल मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 18:00 से 18:19

अवधि: 19 मिनट

प्रदोष काल: 18:00 से 20:33

वृषभ काल: 18:45 से 20:45

अमावस्या तिथि प्रारम्भ: 20:12, 2/नवंबर /2013

अमावस्या तिथि समाप्त: 18:19, 3/नवंबर /2013

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh