Menu
blogid : 3738 postid : 607256

Daughter Day: तू बोझ नहीं बिटिया रानी

Special Days
Special Days
  • 1020 Posts
  • 2122 Comments

अब बेटियां खुद को ठान लें

कड़वी हकीकत को जान लें

खुद को बचाना-बचना है

इस सत्य को पहचान लें

हो भ्रूण परीक्षण नहीं

इस बात को धर ध्यान लें

बेटी बचाने के लिए

निज हाथ में अभियान लें


हम पाते हैं कि समाज में बेटियों को वह दर्जा नहीं मिल पाता जिस दर्जे को प्राप्त करने के लिए बेटों को मेहनत नहीं करनी पड़ती. बेटों को बैठे-बैठाए सब कुछ हासिल हो जाता है जबकि बेटियों को पैदा होने से लेकर जीवन के अंतिम दिनों तक अपने अधिकारों के लिए गिड़गिड़ाना पड़ता है.


घर से बाहर वो ‘बेटी’ नहीं बस ‘लड़की’ रह जाती है


बेटे को तरजीह देने की वजह से ही आज दुनिया में सेक्स अनुपात पूरी तरह से घट चुका है. भारत में स्थिति और ज्यादा खराब है. 2013 में कराए गए एक सर्वे के मुताबिक भारत में 1000 पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की तादाद 940 हैं जो यह दर्शाता है कि सेक्स अनुपात के मामले में अभी भी स्थिति चिंता जनक है.


अकसर हम देखते हैं कि लोग फादर डे, मदर डे, चोकलेट और रोज डे आदि मनाते हैं लेकिन डॉटर डे को मनाना भूल जाते हैं. इसलिए आज वक्त है उन बेटियों को याद करने की जो हमारे दिलों में रहती हैं.


Read More:


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh