- 1020 Posts
- 2122 Comments
आजादी के बाद से ही पाकिस्तान अपने नापाक इरादों के साथ भारतीय सेना के सब्र की परीक्षा लेता रहा है लेकिन हर बार सेना ने उसे मुंह तोड़ जवाब दिया. साल 1999 में भी सेना ने पाकिस्तान को उसकी गुस्ताखी के लिए करारा जवाब दिया. कारगिल युद्ध (Kargil Diwas) भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ एक महत्वपूर्ण युद्ध माना जाता है जो भारतीय सैनिकों की वीरता के लिए हमेशा याद रखा जाएगा.
भारतीय सेना ने 26 जुलाई, 1999 को कश्मीर के कारगिल जिले में पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्जा की गई ऊंची रक्षा चौकियों पर नियंत्रण पाने में सफलता हासिल की थी. इसके लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय चलाया था. भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध मई 1999 में शुरू होकर दो महीने तक चला था, जिसमें भारत ने अपने 500 से ज्यादा जांबाज सैनिक खो दिए थे. ऑपरेशन विजय की सफलता के बाद इस दिन को विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) का नाम दिया गया. विश्व के इतिहास में कारगिल युद्ध (Kargil Diwas) दुनिया के सबसे ऊंचे क्षेत्रों में लड़ी गई जंग की घटनाओं में शामिल है.
यह दिन है उन शहीदों को याद कर अपने श्रद्धा-सुमन अर्पण करने का, जो हंसते-हंसते मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए. यह दिन उन महान और वीर सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने अपना आज हमारे आने वाले सुखद कल के लिए बलिदान कर दिया.
(Kargil Diwas) में हमारे लगभग 500 से ज्यादा वीर योद्धा शहीद हुए थे और 1300 से ज्यादा घायल हो गए. इनमें से ज्यादातर वह नौजवान थे जिन्होंने अपनी जवानी के 30 वर्ष भी नहीं देखे थे. इन शहीदों ने भारतीय सेना के शौर्य व बलिदान की उस सर्वोच्च परम्परा का निर्वाह किया, जिसकी सौगन्ध हर सिपाही तिरंगे के समक्ष लेता है.
लगातार पराजय के बाद पाकिस्तान अपनी पुरानी गलतियों से कोई भी सीख नहीं ले रहा. वह आज भी अपनी जमीन से भारत के खिलाफ आतंकवाद को बड़े पैमाने पर पनाह दे रहा है. पाकिस्तानी सैनिक भारतीय चौकियों पर हमले करके सेना को कई बार उकसाने की कोशिश करता रहा है लेकिन उसे पता नहीं है कि उसकी यह गलती पाकिस्तानी आवाम के लिए कितनी नुकसानदायक हो सकती है.
Read Comments