Menu
blogid : 3738 postid : 3806

Ram Prasad Bismil: हमने आंधियों में भी चिराग अकसर जलाए हैं

Special Days
Special Days
  • 1020 Posts
  • 2122 Comments

Ram Prasad Bismil) का. स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देने वाले वीरों में रामप्रसाद बिस्मिल का एक विशिष्ट स्थान है.


ram prasad bismil 1रामप्रसाद बिस्मिल का जीवन (Ram Prasad Bismil Life)

का जन्म 11 जून, सन 1897 में उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में हुआ. मैनपुरी बिस्मिल का ननिहाल था. बिस्मिल के दादा और पिता ग्वालियर के निवासी थे. वह पिता पंडित मुरलीधर के कठोर अनुशासन में पले बढ़े. सात वर्ष की अवस्था हो जाने पर बालक रामप्रसाद को हिन्दी अक्षरों का ज्ञान होने लगा था. घर के सदस्य बालक की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देते थे. उस समय उर्दू का बोलबाला था इसलिए  घर में हिन्दी शिक्षा के साथ ही बालक बिस्मिल को उर्दू पढ़ने के लिए एक मौलवी साहब के पास मकतब में भेजा जाता था. बिस्मिल ने छोटी सी आयु में उर्दू के साथ अंग्रेजी का भी ज्ञान लिया.


यही अन्दाज लालू को बाकी राजनेताओं से अलग करता है


रामप्रसाद बिस्मिल को बुरी लत

बचपन में स्वभाव से बहुत शरारती तथा उद्दण्ड रहने वाले रामप्रसाद बिस्मिल को अपने पिताजी के क्रोध का भी सामना करना पड़ता था. वह बुरी तरह पीटते थे, किन्तु इसका भी उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता था. पिता की नशे की आदत तथा कठोर व्यवहार के कारण बिस्मिल पर इसका बुरा असर पड़ने लगा था. छोटी सी उम्र में ही उन्हें बुरी आदतें लग गई थीं. वह घर से पैसे चुराकर सिगरेट खरीदते थे, यही नहीं भांग का भी स्वाद भी लेना शुरू कर दिया था. इन्हीं बुरी आदतों के कारण वह उर्दू मिडिल परीक्षा में दो साल अनुत्तीर्ण हुए.


बिस्मिल का त्याग

बिस्मिल की बुरी लत को छुड़वाने के लिए परिवार के सदस्यों ने उन्हें मंदिर भेजना शुरू कर दिया. मंदिर में बिस्मिल नए-नए पुजारियों से प्रभावित हुए. वह नित्य मन्दिर में आने-जाने लगे. पुजारी जी के सम्पर्क में वह पूजा-पाठ आदि भी सीखने लगे. पुजारी जी पूजा-पाठ के साथ ही उन्हें संयम-सदाचार, ब्रह्मचर्य आदि का भी उपदेश देते थे. इन सबका राम प्रसाद पर गहरा प्रभाव पड़ा. बाद में धीरे-धीरे बिस्मिल जीवन के समस्त सुखों को त्यागकर विदेशी ताकतों को हटाने में जुट गए. लखनऊ कांग्रेस अधिवेशन में भाग लेने के दौरान रामप्रसाद बिस्मिल कु(Ram Prasad Bismil) छ क्रांतिकारी विचारों वाले युवकों के सम्पर्क में आए. यहीं से उन्होंने अपना मकसद निर्धारित कर लिया.


Read: ‘पीएम इन वेटिंग’ का सपना हुआ अधूरा !!


काकोरी कांड

जब क्रांतिकारियों को यह लगने लगा कि अंग्रेजों से विनम्रता से बात करना या किसी भी प्रकार का आग्रह करना फिजूल है तो बिस्मिल कुछ क्रांतिकारियों के साथ मिलकर विस्फोटकों और गोलीबारी का प्रयोग करने की योजना बनाने लगे. इस समय जो क्रांतिकारी विचारधारा विकसित हुई वह पुराने स्वतंत्रता सेनानियों और गांधी जी की विचारधारा से बिलकुल उलट थी. लेकिन इन सब सामग्रियों के लिए अधिकाधिक धन की आवश्यकता थी. इसीलिए राम प्रसाद बिस्मिल (Ram Prasad Bismil) ने अंग्रेजी सरकार के धन को लूटने का निश्चय किया. उन्होंने सहारनपुर-लखनऊ 8 डाउन पैसेंजर ट्रेन में जाने वाले धन को लूटने की योजना बनाई. 9 अगस्त, 1925 को राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफ़ाक उल्ला खां समेत आठ अन्य क्रांतिकारियों ने इस ट्रेन को लूटा.


बिस्मिल को फांसी

जब अंग्रेजी सरकार को क्रांतिकारी गतिविधियों से भय लगने लगा तो उन्होंने बिना सोचे-समझे क्रांतिकारियों की धर-पकड़ शुरू कर दी. इस दौरान राम प्रसाद बिस्मिल (Ram Prasad Bismil) अपने साथियों के साथ पकड़े गए. यह सब जानते हैं कि उन्होंने हंसते हुए फांसी का फंदा गले में यह कहते हुए डाल लिया और फांसी के तख्ते के पास पहुंचने से पहले उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा व्यक्त की. उनकी अंतिम इच्छा थी ‘मैं ब्रिटिश साम्राज्य का नाश चाहता हूं’


राम प्रसाद बिस्मिल की लेखनी

राम प्रसाद बिस्मिल (Ram Prasad Bismil) को लेकर एक वाकया याद आता है जब काकोरी काण्ड को लेकर लखनऊ की एक अदालत में मुकदमा चल रहा था. उसी कोर्ट में एक वकील ने अभियुक्तों को “मुल्जिमान” की जगह “मुलाजिम” शब्द बोल दिया. फिर क्या था पण्डित राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ रहे लेखक उन्होंने तपाक से उन पर ये चुटीली फब्ती कसी:

“मुलाजिम हमको मत कहिये, बड़ा अफ़सोस होता है;

अदालत के अदब से हम यहाँ तशरीफ लाए हैं।

पलट देते हैं हम मौजे-हवादिस अपनी जुर्रत से;

कि हमने आँधियों में भी चिराग अक्सर जलाये हैं।”


Read:

निर्भय क्रांतिकारी अशफ़ाक उल्ला खान

क्या आज फिर भगत सिंह की जरूरत है?


Tags: ram prasad bismil, ram prasad bismil in hindi, ram prasad bismil profile, ram prasad bismil profile in hindi, ram prasad bismil poems, ram prasad bismil biography, राम प्रसाद बिस्मिल, बिस्मिल.


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to rameshCancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh