Menu
blogid : 3738 postid : 3723

बंगला साहित्य के विद्वान देवेन्द्रनाथ टैगोर

Special Days
Special Days
  • 1020 Posts
  • 2122 Comments

devendra nath thakur 1हिन्दू धर्म, भारतीय संस्कृति और बंगला साहित्य के विद्वान के रूप में प्रसिद्ध महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 15 मई, 1817 को कलकत्ता में हुआ. उनके पिता का नाम द्वारकानाथ ठाकुर था.


Read: आईपीएल में सबसे तेज हाफ सेंचुरी लगाने वाले पांच खिलाड़ी


बंगाल में टैगोर परिवार का तीन सौ साल पुराना इतिहास है. कलकत्ता के इस श्रेष्ठ परिवार ने बंगाल पुनर्जागरण में एक अहम भूमिका निभाई. इस परिवार ने ऐसे महात्माओं को जन्म दिया जिन्होंने सामाजिक, धार्मिक और साहित्यिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनके पुत्र रबीन्द्रनाथ ठाकुर एक विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक थे जबकि उनके दूसरे पुत्र सत्येन्द्रनाथ ठाकुर पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय लोक सेवा की परीक्षा दी थी.


युवा अवस्था में देवेन्द्रनाथ टैगोर ने ‘तत्वबोधिनी सभा’ स्थापित की. इसका मुख्य ध्येय था लोगों को ‘ब्रह्मधर्म’ का पाठ पढ़ाना. इस सभा ने मौलिक शास्त्रों को जानने तथा वर्तमान समय तक उनमें किए गए परिवर्तनों के संबध में ज्ञान प्राप्त करने का निश्चय किया. 1843 ई. में उन्होंने ‘तत्वबोधिनी पत्रिका’ प्रकाशित की, जिसके माध्यम से उन्होंने देशवासियों को गम्भीर चिन्तन हृदयगत भावों के प्रकाशन के लिए प्रेरित किया. राजा राम मोहन राय के जाने के बाद उन्होंने ब्रह्म समाज का नई उर्जा के साथ नेतृत्व किया.


राजा राममोहन राय की भांति देवेन्द्रनाथ जी भी चाहते थे कि देशवासी, पाश्चात्य संस्कृति की अच्छाइयों को ग्रहण करके उन्हें भारतीय परम्परा, संस्कृति और धर्म में समाहित करें. वे हिन्दू धर्म को नष्ट करने के नहीं, उसमें सुधार करने के पक्षपाती थे. वे समाज सुधार में ‘धीरे चलो’ की नीति पसन्द करते थे. देवेन्द्रनाथ जी के उच्च चरित्र तथा आध्यात्मिक ज्ञान के कारण सभी देशवासी उनके प्रति श्रद्धा भाव रखते थे और उन्हें ‘महर्षि’ सम्बोधित करते थे.


देवेन्द्रनाथ शिक्षा प्रसार में सबसे अधिक रुचि लेते थे. उन्होंने देश के अलग-अलग क्षेत्रों में खासकर बंगाल में शिक्षा संस्थाएं खोलने में मदद की. देवेन्द्रनाथ ने 1863 ई. में बोलपुर में एकांतवास के लिए 20 बीघा जमीन खरीदी और वहां गहरी आत्मिक शान्ति अनुभव करने के कारण उसका नाम ‘शान्ति निकेतन’ रख दिया.


Read:

Rabindranath Tagore Biography

महान रचयिता रवीन्द्रनाथ टैगोर


Tags: devendra nath thakur, devendra nath thakur in hindi, Hindu philosopher, devendra nath thakur profile, Reformation movements, Ravindra Nath Thakur.


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh