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बॉलिवुड में सुर साम्राज्ञी लता मांगेशकर से बड़ी गायिका किसी को नहीं माना जाता है. उनके साथ काम करने के लिए एक समय संगीत निर्देशक उन्हें मुंह मांगी कीमत देने को तैयार रहते थे लेकिन बॉलिवुड में एक ऐसे भी संगीत निर्देशक रहे हैं जिन्होंने कभी भी लता जी के साथ काम ना करने की कसम खाई थी. इस “भीष्म” कसम को उठाने वाले निर्देशक का नाम था ओ पी नैय्यर (O P NAYYAR).
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ओ पी नैय्यर: संगीत की दुनिया के एकलव्य
अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने वाले ओ पी नैय्यर को हिन्दी सिनेमा का एक अहम संगीत निर्देशक माना जाता है. ओ.पी. नैय्यर हिंदी सिनेमा के उन दिग्गज संगीतकारों में से एक थे जिन्होंने 1950 और 60 के दशक में न सिर्फ अपनी अलग पहचान बनाई बल्कि कई कलाकारों के कॅरियर को नई ऊंचाई दी. बिना किसी संगीत शिक्षा के ही इन्होंने बॉलिवुड को सबसे बेहतरीन गाने दिए हैं. हालांकि इनकी जिंदगी से जुड़ा एक अहम पहलू यह भी रहा कि इन्होंने कभी लता जी के साथ काम नहीं किया बल्कि लता जी की जगह उन्होंने उनकी बहन आशा भोंसले से काम लिया.
लता जी के साथ काम ना करने की कसम
बात उन दिनों की है जब फिल्म “आसमान” की शूटिंग हो रही थी. फिल्म में एक गीत को फिल्म की सहनायिका पर फिल्माया जाना था और इस गाने की आवाज होनी थी लता जी की. लता मांगेशकर को यह बात रास नहीं आई कि उनका गीत किसी सहनायिका पर फिल्माया जाए. उस समय लता जी एक बहुत बड़ी गायिका मानी जाती थीं. लता ने ओ पी के लिए इस गीत को गाने से साफ इनकार कर दिया और जब नैय्यर साहब तक ये बात पहुंची, तो उन्होंने भी एक दृढ़ निश्चय किया, कि वो अपने कॅरियर में कभी भी लता के साथ काम नही करेंगे.
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बहन आशा भोंसले से करवाया काम
संगीतकार ओपी नैय्यर अपनी जिद के बहुत पक्के थे. उन्होंने यह तय कर रखा था कि चाहे जो भी हो जाए वह लता मंगेशकर से कोई भी गाना नहीं गवाएंगे, तो इस फैसले पर वह आखिरी सांस तक कायम रहे. हालांकि कुछ लोग इसे मात्र अफवाह ही मानते हैं. लेकिन ओपी नैय्यर ने इसके बाद अपने कंपोज किए हुए अधिकतर गाने आशा भोंसले (Asha Bhosle) से गवाए. इन दोनों की जोड़ी में बने तमाम गीतों ने सफलता के नए आयाम छुए. आज भी कई लोग मानते हैं कि आशा भोंसले ओपी नैय्यर साहब की ही खोज हैं. ऐसा लगता था कि नैय्यर साहब आशा जी के लिए विशेष धुन बनाते हों, जिन्हें आशा बिना किसी मेहनत के गा लेती थीं.
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आशा भोंसले और ओ पी नैय्यर का अफेयर!
आशा भोंसले और ओ पी नैय्यर साहब बॉलिवुड के बेहद सम्मानित सदस्य माने जाते हैं लेकिन इन दोनों की जोड़ी को एक संगीत निर्देशक और गायिका के रिश्ते से अलग प्रेम-पंक्षियों की तरह देखने वालों की भी कमी नही है. कई लोग मानते हैं कि दोनों के बीच अफेयर रहा है. खुद ओ पी नैय्यर ने यह बयान दिया था कि “मोहब्बत में सारा जहां लुट गया था..” दरअसल इन शब्दों में ओ पी अपनी सबसे पसंदीदा पार्श्व गायिका (आशा भोंसले) के साथ अपने संबंधों की बात कर रहे थे. लेकिन इन दोनों की हिट जोड़ी भी साल 1972 में टूट गई और ओ पी और आशा भोंसले ने कभी भी साथ न काम करने का फैसला किया और उसके बाद उन्हें कभी भी एक छत के नीचे एक साथ नही देखा गया.
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सबसे महंगे संगीतकार
ओ.पी. नैय्यर अपने समय के सबसे महंगे संगीत निर्देशक माने जाते थे. कहा तो यह भी जाता है कि उनकी फीस फिल्म के हीरो और हीरोइनों से अधिक होती थी. वो उन दिनों के सबसे महंगे संगीतकार होने के बावजूद उनकी मांग सबसे अधिक थी. आर−पार, सी. आई. डी., तुमसा नहीं देखा आदि एक के बाद एक लगातार हिट फिल्म देते हुए ओ पी नैय्यर सिने जगत में सबसे महंगे संगीतकार बने. 1950 में एक फिल्म में संगीत देने के 1 लाख रुपये लेने वाले पहले संगीतकार थे. पचास के दशक के दौरान आल इंडिया रेडियो ने इनके संगीत को आधुनिक कहते हुए उस पर प्रतिबंध लगा दिया और इनके गाने रेडियो पर काफी लंबे समय तक नहीं बजाए गए. लेकिन इसके बावजूद उनके गीतों की लोकप्रियता कम नहीं हुई.
ओ पी नैय्यर साहब का जीवन
16 जनवरी, 1926 को लाहौर में जन्मे ओ पी नैय्यर की संगीत में गहरी दिलचस्पी थी. ओ पी नैय्यर साहब का पूरा नाम ओंकार प्रसाद नैय्यर था. उनके परिवार को उनका संगीत से जुड़ाव पसंद नहीं था इसलिए उन्होंने घर छोड़ा और वह आकाशवाणी के एक केंद्र से जुड़ गए. उन्होंने तत्कालीन शीर्ष गायक सी एच आत्मा के लिए ‘प्रीतम आन मिलो’ गीत की धुन बनाई. यह गीत बेहद लोकप्रिय हुआ और नैय्यर भी चर्चित हो गए.
गुरूदत्त की फिल्म आर-पार उनकी शुरुआती सफल फिल्मों में थी. इसकी कामयाबी ने उन्हें अग्रिम पंक्ति के संगीतकारों की सूची में शामिल कर दिया. इस फिल्म के कई गीत जैसे बाबू जी धीरे चलना, सुन सुन जालिमा, ए लो मैं हारी पिया, कभी आर कभी पार आदि आज भी शिद्दत से सुने जाते हैं. ओ.पी नैय्यर की धुनों में आशा भोंसले की आवाज निखर कर सामने आई और दोनों की जोड़ी ने एक से बढ़कर एक लोकप्रिय गाने दिए.
हिंदी सिनेमा के संगीत को नई ऊंचाई देने में अहम भूमिका निभाने वाले संगीतकारों में से एक ओ.पी. नैय्यर का 28 जनवरी, 2007 को निधन हो गया.
O P Nayyar Hit Songs: उनके कुछ प्रसिद्ध गाने
आओ हुज़ूर तुमको सितारों में ले चलूं(किस्मत), आंखों ही आंखों में इशारा हो गया (सीआईडी), चैन से हमको कभी आपने जीने न दिया, चल अकेला (संबंध), आप यूं ही अगर हमसे मिलते रहे, मेरा नाम है चिन-चिन चूं (हावड़ा ब्रिज), बाबू जी धीरे चलना (आर-पार), उड़े जब-जब ज़ुल्फ़ें तेरी( नया दौर) आदि हैं.
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