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भारतीय संस्कृति की सबसे अहम चीज यहां के त्यौहार होते हैं. भारतीयों त्यौहारों की तुलना आप किसी अन्य देश के त्यौहारों से नहीं कर सकते. भारतीय त्यौहार की खुशियां और रंग देखते ही बनते हैं. इन्हीं बेहद रंगीन त्यौहारों में से एक है दीपावली. दीपावली यानि दीपों का त्यौहार. यह त्यौहार आज धर्म और जाति की बंदिशे तोड़ पूरे भारत में समान हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
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सांस्कृतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक आदि समस्त उदात्त भावनाओं की दृष्टि से ही दीपावली का पर्व राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है। भिन्न-भिन्न मान्यताओं एवं अंतर कथाओं के होते हुए भी दीपावली के पर्व को भारत के सभी लोग समान रूप से मनाते हैं, अत:यह त्योहार समता एवं एकता का परिचायक भी है। दीपावली दीपों का पर्व है। एक तरफ अमावस्या की सघन रात्रि, दूसरी ओर दीपों की झिलमिलाहट. दीपावली पर भारत का हर कोना देखने योग्य होता है.
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Laxmi Pujan Vidhi: लक्ष्मी पूजन
कलयुग में सांसारिक वस्तुओं और धन का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस युग में लक्ष्मी जी ही ऐसी देवी हैं जो अपने भक्तों को संसारिक वस्तुओं से परिपूर्ण करती हैं और धन देती हैं. मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय कार्तिक अमावस्या को ही लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं. इसलिए इसी दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है.
Deepawali Pujan Vidhi: दीपावली पूजन विधि
दीपावली को लक्ष्मी और गणेश की पूजा करने का विधान है. इसके साथ भगवान राम और सीताजी को भी पूजा जाता है. इस दिन गणेश जी की पूजा इसलिए की जाती है क्यूंकि गणेश पूजन के बिना कोई भी पूजन अधूरा होता है.
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इस दिन सुबह-सुबह जल्दी उठकर नहा लेना चाहिए और आलस्य का त्याग करना चाहिए. कहा जाता है कि लक्ष्मी वहीं वास करती हैं जहां सफाई और स्फूर्ति हो. शाम के समय लक्ष्मी जी की फोटो या मूर्ति पर रोली बांधे.
छः चौमुखे व 26 छोटे दीपक रखें. इनमें तेल-बत्ती डालकर जलाएं. फिर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, अबीर, गुलाल, धूप आदि से विधिवत पूजन करें. पूजा पहले पुरुष तथा बाद में स्त्रियां करें. पूजा के बाद एक-एक दीपक घर के कोनों में जलाकर रखें.
एक छोटा तथा एक चौमुखा दीपक रखकर निम्न मंत्र से लक्ष्मीजी का पूजन करें:
नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरेः प्रिया.
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात्वदर्चनात॥
इस पूजन के पश्चात तिजोरी में गणेशजी तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति रखकर विधिवत पूजा करें. इसके बाद मां लक्ष्मी जी की आरती सपरिवार गाएं. पूजा के बाद खील बताशों का प्रसाद सभी को बांटें.
शुभ मुहूर्त
साल 2012 में दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5.44 से 7.40 तक का है. इस दौरान की गई पूजा का विशेष फल मिलता है.
आशा करते हैं दीपों का यह त्यौहार आपकी जिंदगी में उजाला और मीठाइयों की मिठास लेकर आएगा. जागरण जंक्शन परिवार की तरफ से आप सभी को दीपावली की हार्दिक बधाई.
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