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दीपावली का त्यौहार आ ही चुका है. दीपावली सिर्फ दीपों का नहीं बल्कि त्यौहारों के समूह का भी त्यौहार है. दीपावली का त्यौहार पांच दिन तक चलता है जिसकी शुरुआत होती है धनतेरस से. इतनी महंगाई के बावजूद भी यह त्यौहार आज समाज में अपनी पहचान बनाए हुए है. भगवान कुबेर और धनवंतरी जी की पूजा के साथ संपन्न होने वाला यह त्यौहार आज भी वैभव का परिचायक है.
Dhanteras Festival 2012
पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक कृष्ण की त्रयोदशी के दिन धनवंतरि त्रयोदशी मनाई जाती है. इसे ही धनतेरस कहा जाता है. समुद्र मंथन में आज के समय ही धनवंतरि प्रकट हुए थे और आज के दिन को ही आयुर्वेद के देवता धनवंतरि के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. धन संपति की प्राप्ति हेतु कुबेर देवता के लिए घर के पूजा स्थल पर दीप दान एवं मृत्यु देवता यमराज के लिए मुख्य द्वार पर भी दीप दान करने का विधान है.
धनतेरस और बर्तन
धनतेरस के दिन नए बर्तन या सोना-चादी खरीदने की परंपरा है. इस पर्व पर बर्तन खरीदने की शुरुआत कब और कैसे हुई, इसका कोई निश्चित प्रमाण नहीं है, लेकिन एक मान्यता के अनुसार जन्म के समय धनवंतरि के हाथों में अमृत कलश था. यही कारण होगा कि लोग इस दिन बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं.
धनतेरस के दिन क्यूं होता है दीपदान
कहते हैं कि धनतेरस की संध्या को यम के नाम का दिया घर की देहरी पर रखा जाता है और उनकी पूजा करके प्रार्थना की जाती है कि वह घर में प्रवेश नहीं करें और किसी को कष्ट न पहुंचाएं. देखा जाए तो यह धार्मिक मान्यता मनुष्य के स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन से प्रेरित है.
Story of Dhanteras: धनतेरस की कथा
यम के नाम से दिया निकालने के बारे में भी एक पौराणिक कथा है. मान्यता है कि एक बार राजा हिम ने अपने पुत्र की कुंडली बनवाई, इसमें यह बात सामने आई कि शादी के ठीक चौथे दिन सांप के काटने से उसकी मौत हो जाएगी. हिम की पुत्रवधू को जब इस बात का पता चला तो उसने निश्चय किया कि वह हर हाल में अपने पति को यम के कोप से बचाएगी. शादी के चौथे दिन उसने पति के कमरे के बाहर घर के सभी जेवर और सोने-चांदी के सिक्कों का ढेर बनाकर उसे पहाड़ का रूप दे दिया और खुद रात भर बैठकर उसे गाना और कहानी सुनाती रही ताकि उसे नींद न आए.
रात के समय जब यम सांप के रूप में उसके पति को डसने आए तो वह आभूषणों के पहाड़ को पार नहीं कर सके और उसी ढेर पर बैठकर गाना सुनने लगे. इस तरह पूरी रात बीत गई. अगली सुबह सांप को लौटना पड़ा. इस तरह उसने अपने पति की जान बचा ली. माना जाता है कि तभी से लोग घर की सुख-समृद्धि के लिए धनतेरस के दिन अपने घर के बाहर यम के नाम का दिया निकालते हैं ताकि यम उनके परिवार को कोई नुकसान न पहुंचाएं.
धनतेरस मुहूर्त: Dhanteras 2012
वर्ष 2012 में धनतेरस के दिन खरीदारी के दो शुभ मुहूर्त हैं पहला शाम को 5 बजकर 20 मिनट से रात्रि 9 बजकर 30 मिनट तक खरीदारी के लिए अच्छा समय है. इसके बाद रात्रि 11 बजकर 30 मिनट से 2 बजे तक खरीदारी करना शुभ माना गया है.
Kuber Mantra in Hindi: कुबेर मंत्र
धनतेरस के दिन कुबेर मंत्र का जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. कुबेर का मंत्र इस प्रकार है: ओम कुबेर त्वम धन धीषम गृहते कमला इशपिता. ताम देविम, प्रेसयातु त्वम मम गृहते नमो नम:.
यूं तो इस महंगाई के जमाने में यह त्यौहार सिर्फ पूंजीपतियों के लिए सार्थक रह गया है लेकिन विज्ञान और इंटरनेट के जमाने में भी जिस भारत की आस्था और धर्म को आज तक कोई हिला नहीं सका वहां यह पर्व आज भी सभी वर्ग के लोग अपनी-अपनी शक्ति और सामर्थ्य के अनुसार मनाते हैं.
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