- 1020 Posts
- 2122 Comments
भारतीय समाज में विवाह सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है. भारत में शादी सिर्फ दो इंसानों के बीच का संबंध नहीं बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है. भारतीय समाज में यह सबसे बड़ा उत्सव है. जिस शादी से दो परिवारों की डोर बंधी हो उसे निभाने के लिए कई तरह की रीति-रिवाज होते ही हैं और करवाचौथ इन्हीं रिवाजों में से एक है.
करवा चौथ और मॉडर्न युग
पति की लंबी आयु के लिए पत्नी द्वारा व्रत रखे जाने के इस त्यौहार को ना सिर्फ पुरानी पीढ़ी बल्कि नई पीढ़ी भी बड़े शौक से मनाती है. यूं तो नई पीढ़ी अकसर ऐसे पुराने त्यौहारों और व्रत आदि से दूर नजर आती है लेकिन इस त्यौहार के साथ जुड़ते ग्लैमर ने आज भी इसकी पुरानी रीति को भूलने नहीं दिया.
Read: Women Empowerment in India
करवा चौथ
असल में करवाचौथ मन के मिलन का पर्व है. इस पर्व पर महिलाएं दिनभर निर्जल उपवास रखती हैं और चंद्रोदय में गणेश जी की पूजा-अर्चना के बाद अर्घ्य देकर व्रत तोड़ती हैं. व्रत तोड़ने से पूर्व चलनी में दीपक रखकर, उसकी ओट से पति की छवि को निहारने की परंपरा भी करवा चौथ पर्व की है. इस दिन बहुएं अपनी सास को चीनी के करवे, साड़ी व श्रृंगार सामग्री प्रदान करती हैं. पति की ओर से पत्नी को तोहफा देने का चलन भी इस त्यौहार में है.
Karwa Chauth 2012: करवा चौथ 2012
इस बार 2 नवंबर को महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की लिए व्रत रखेंगी. इस बार यह पूजन शिव योग में होगा, जिससे इसका महत्व बढ़ गया है. करवा चौथ की रात को चंद्रोदय रात 8.31 बजे होगा. इस दिन पूजा करने से भगवान शंकर और पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होगा. शुक्रवार देवी माता का दिन है, इसलिए उनकी कृपा भी खूब बरसेगी.
Read – प्रेम के साथ धन की वर्षा भी करेगा इस बार करवा चौथ !!
सुहागिनें करवा चौथ पर रंग-बिरंगे परिधान पहनती हैं, आभूषण और विविध प्रकार के श्रृंगार से खुद को सजाती हैं. हाथों पर मेहंदी लगाती हैं. मान्यता है कि जितनी अधिक मेहंदी रचती है, उतना ही सौभाग्य और खुशहाली घर में आती है. चंद्रमा उदय होने के बाद विवाहित स्त्रियां इनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करती हैं. इसके बाद पति के हाथों से ही जल और फल ग्रहण करती हैं. बाद में करवा चौथ के अवसर पर तैयार विविध व्यंजन खाती हैं.
Read: Story of Karwa Chauth in Hindi
Social side of Karwa Chauth Festival
करवा चौथ का सामाजिक पक्ष भी बेहद सशक्त है लेकिन इसके साथ ही इसमें कुछ विरोधाभास भी है. भारतीय समाज में अकसर ज्यादातर व्रत महिलाएं ही रखती हैं. पति की लंबी उम्र के लिए तो पत्नियां व्रत रखती हैं लेकिन पत्नी की लंबी उम्र के लिए पति कभी व्रत नहीं रखते. ना ही समाज और ना ही वेद पुराणों में कहीं भी पतियों को व्रत रखने के लिए कहा गया है. समाज में महिला समर्थकों की आवाज हमेशा इस तरफ उठी है कि अगर पत्नियां पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रख सकती हैं तो पति क्यूं नहीं व्रत रखते. आखिर क्यूं महिलाएं ही रीति-रिवाज के नाम पर हमेशा भूखी रहें? लेकिन वहीं कुछ लोग महिलाओं के द्वारा किए जाने वाले इस व्रत को सही ठहराते हैं. उनके अनुसार महिलाओं का यह व्रत रखना यह दर्शाता है कि महिलाएं पुरुषों का कितना ख्याल रखती हैं. यह महिलाओं के ममतामयी पक्ष को दर्शाता है जो अपने परिवार और पति का हमेशा भला चाहती हैं.
आखिर पति क्यूं ना रखें व्रत
माना कि परंपरा के अनुसार पतियों का व्रत रखना जरूरी नहीं है लेकिन अगर पति भी पत्नियों के लिए करें तो इससे उनके आपसी संबंधों में मधुरता आ सकती है. मान्यताओं के अनुसार पति के लिए ऐसा कोई व्रत और उपवास तो नहीं बताया गया है फिर भी करवाचौथ के दिन वे पत्नी का साथ देने के लिए कम से कम फलाहार पर तो निर्भर रह ही सकते हैं.
खैर हम इस सच से मुंह नहीं मोड़ सकते कि भारत एक धार्मिक देश है और यहां परंपराएं और मान्यताओं को बदलना आसान नहीं है और करवा चौथ का पर्व तो हमारी सांस्कृतिक पहचान है जिसमें बदलाव ना ही हो तो अच्छा है. करवा चौथ के इस पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक बधाई.
इसे भी अवश्य पढ़ेंकरवा चौथ का कड़वा सच
Post Your Comment on: करवा चौथ से जुड़ी अपनी यादों को हमसे साझा करें?
Tag: Karwa Chauth, Karva Chauth, Karwachauth 2012, India, karwachauth, karva chauth katha, Karva Chauth 2012, Karva Chauth Katha 2012, karvachauth, karva chauth vrat katha, karwa chauth vrat katha in hindi, karvachauth fast story, karvachauth katha, karwachauth, करवा चौथ, करवा चौथ व्रत कथा, करवा चौथ व्रत पूजन विधि
Read Comments