Menu
blogid : 3738 postid : 3009

Indian Air Force Day: मर-मर के ही अमर हुए

Special Days
Special Days
  • 1020 Posts
  • 2122 Comments

किसी ने सच ही कहा है कि हर व्यक्ति को एक दिन मरना ही है पर कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जो मरने के बाद भी अमर माने जाते हैं. भारत में ऐसे बहुत से लोगों की दास्तां है जो मरने के बाद भी अमर माने गए हैं. वास्तविक रूप में अगर अमर शब्द को समझा जाए तो इसका अर्थ यह है कि ऐसा व्यक्ति जो मरने के बाद भी लोगों के दिल में जिंदा रहे. शायद आज ऐसे व्यक्तियों की कमी है पर गर्व की बात यह है कि आज जहां हर व्यक्ति अपनी सुख-सुविधा के बारे में सोच रहा है वहां कुछ व्यक्ति ऐसे भी हैं जो अपनी सुख-सुविधा के बारे में नहीं केवल देश के लिए सोचते हैं.

Read:5 सितंबर नहीं… 5 अक्टूबर


आसमां में लिखते कामयाबी की दास्तां: भारतीय वायु सेना(Indian Air Force Day)

indian airforceआज का समय ऐसा है कि लगभग सभी व्यक्ति यह चाहते हैं कि ऐसा कोई कोर्स किया जाए जिसमें हजारों रुपए महीने भर में कमा लिए जाएं. पर सोचिए जरा यदि आपको यह कहा जाए कि आपको ऐसा कोर्स करना है जिसमें आपको अपने लिए नहीं सिर्फ देश के लोगों के लिए काम करना है…..जहां आपको यह कहा जाए कि आपके लिए अपना परिवार बाद में पहले आपके लिए देश की सुरक्षा सबसे जरूरी होगी……जहां आपसे यह कहा जाए कि आपको जिन्दगी से ज्यादा मौत से प्यार करना होगा तो शायद आप ऐसा काम नहीं करना चाहेंगे तो सोचिए जरा उन लोगों के बारे में जो हंसते हुए अपनी जिन्दगी को देश के लिए शहीद कर देते हैं.



Indian Air Force History

मौत से नहीं डरते हवाई परिंदे

आज हर देश आधुनिक रूप से मजबूत हो रहा है तो हर देश के लिए यह जरूरी हो गया है कि वो अपने देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जिसमें आज सबसे बड़ा योगदान वायु सेना का है. भारत देश में लगभग 24000 किलोमीटर अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा जिम्मेदारी भारतीय वायु सेना ने संभाल रखी है. भारत देश की सीमा पर जब-जब संकट आया है भारतीय वायुसेना संकटमोचक के रूप में नजर आई है. भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को हुई और एयर मार्शल सुब्रोतो मुखर्जी ने 1 अप्रैल, 1954 को प्रथम वायु सेना प्रमुख सदस्य का कार्यभार संभाला था. भारतीय वायु सेना(Indian Air Force) धीरे-धीरे अपनी स्थिति को मजबूत करती चली गई और एक समय ऐसा आया जब भारतीय वायु सेना(Indian Air Force)के कारण भारत देश की सीमा में कोई भी अन्य देश आक्रमण करने से डरता था. भारतीय सशस्त्र सेनाओं में से सबसे नया अंग भरतीय वायु सेना का है. भारतीय वायु सेना(Indian Air Force )विधेयक 8 अक्टूबर, 1932 को पारित किया गया था. 1 अप्रैल, 1933 को पहले हवाई दस्ते का गठन हुआ, जो एक नंबर स्कवॉड्रन का हिस्सा बनी.


जब हुए देश पर मर-मिटने को तैयार

indian airforce dayभारत जब आजाद हुआ तो बहुत बार ऐसा समय आया जब भारतीय वायु सेना भारतवासियों के लिए मर-मिटने को तैयार हो गई. चीन हो या फिर पाकिस्तान जब हर तरफ से भारत को उसके दुश्मनों ने घेर लिया था.


अक्टूबर 1962 में चीन और भारत के बीच युद्ध स्थिति आंरभ हो गई थी. ऐसे समय में भारत की वायु सेना पर अधिक दबाव था. तब भारतीय वायु सेना(Indian Air Force) ने भारतवासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण फैसले लिए जिस कारण भारत की सीमा पर चीन के हमले का खतरा कम हो गया.


1 सितंबर, 1965 को जब पाकिस्तानी सेना ने भारत के छंब क्षेत्र पर आक्रमण कर दिया था तो उस समय में भारतीय थल सेना पाकिस्तानी सेना को उखाड़ फेंकने की कोशिशों में लगी थी पर उसी समय में वायु सेना ने थल सेना को वैंपायर एफ.बी.एम. के. 52, मिस्टर, कैनबरा जैसी सुविधा प्रदान की जिस कारण भारतीय थल सेना को पाकिस्तानी सेना पर विजय मिली.


कोई भी भारतवासी मई 1999 को कैसे भूल सकता है जब कारगिल संघर्ष के द्वारा पाकिस्तानी घुसपैठियों को नियंत्रण रेखा के बाहर निकालने के लिए भारतीय थल सेना को विश्व के सर्वोच्च भू-भागों में से एक में युद्ध करना पड़ा. ऐसे समय में भी भारतीय वायु सेना(Indian Air Force)भारत के लिए संकट मोचक सिद्ध हुई.


भारत माता के लिए शहीद होने वाले ऐसे अमर शहीदों पर भारत माता की मिट्टी भी नाज करती है. ऐसे अमर शहीदों को हमारा सलाम…..

उड़ानों में दम इतना है कि मौत भी सामने आए तो कहते हैं कि जरा रुक जा….अभी और भी देश के दुश्मन मारने हैं………….

Read:हक से मांगने का अधिकार


Tags: Indian Air Force Day,भारतीय वायु सेना, Indian Air Force History, Indian Air Force Sacrifice, Indian Air Force Day 2012, Indian Air Force Day in Hindi,Indian Air Force

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh