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मरे नहीं मार दिए गए गांधी जी…

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भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है भारत रत्न. इस सम्मान से बड़ा किसी सम्मान को नहीं माना जाता है. लेकिन भारत में एक ऐसे शख्स भी हैं जिनके लिए इस सबसे बड़े सम्मान की गरिमा भी कम नजर आती है और वह हैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी.

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Mahtama GandhiGandhi ji: National Hero of India

महात्मा गांधी आजाद भारत के सबसे बड़े हीरो रहे हैं जिन्हें कई लोग तो भगवान के रूप में पूजते हैं. गांधीजी की महानता को कई बार पुरस्कारों और “भारत रत्न” से तोलने की कोशिश की गई लेकिन हर बार यह महान पुरस्कार भी उनकी महानता के आगे कम नजर आते रहे. इस देश को आजाद कराने के लिए सैकड़ों लाठियां खाने वाले, कई दिनों तक भूखे रहने वाले, इस देश को एक कतार में आगे बढ़ने का साहस देने वाले बापू की जयंती 02 अक्टूबर को है.


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Truth of Mahatma Gandhi: सच राष्ट्रपिता का

02 अक्टूबर एक ऐसा दिन है जब हम सब मिलकर राष्ट्रपिता को याद करते हैं. लेकिन ऐसा क्यूं है कि हम मात्र एक दिन बापू जी के कर्तव्यों को याद कर उन्हें भुला देते हैं? आखिर क्यूं इस देश में आज भी कई लोग गांधी जी का विरोध करते हैं? आखिर गांधी जी की शख्सियत का सच क्या है?

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तथाकथित देशप्रेमियों और राष्ट्रवादियों की नजर में बापू की वजह से देश का विभाजन हुआ था. देश के लिए न जानें कितने डंडे खाने का गांधीजी को यह फल मिला कि आज उनकी पुण्यतिथि पर किसी को उन्हें याद तक करने का समय नहीं. सौ के नोट पर गांधीजी तो सबको चाहिए लेकिम मूल जीवन में गांधी जी के बताए रास्ते पर चलना तो दूर लोग गांधी जी की परछाई से भी दूर रहना पसंद करते हैं.आज सच में लगता है गांधीजी मरे नहीं बल्कि हमने उन्हें मार दिया है.


Gandhi Ji आज गांधी जी

जानकारों की निगाह में आज गांधी जी के मूल्यों पर चलने का जोखिम युवा वर्ग लेना ही नहीं चाहता. गर्म-मिजाज और अधिकारों के आगे कर्तव्यों को भूल जाने वाला युवा वर्ग किसी भी कीमत पर अहिंसा के मार्ग पर नहीं चलता. आज एक गाल पर थप्पड़ पड़ने पर दूसरा गाल आगे करने वालों की जगह “ईंट का जवाब पत्थर से देने वालों” की संख्या कहीं अधिक है.


लेकिन इन सबमें गांधी जी के अनशन के फॉर्म्यूले को तो आज कई तथाकथित गांधी प्रेमियों ने ब्लैकमैलिंग का स्वरूप दे दिया है. अनशन पर बैठकर अलग राज्यों की मांग करने वाले तथाकथित राष्ट्रप्रेमियों के मुख से देश-प्रेम और गांधी जी का नाम जहन में ग्लानि का भाव लाता है कि आखिर क्या इसलिए गांधीजी ने अनशन का महामंत्र भारत को दिया था.


हां, आज अगर लोग गांधीजी को याद करते हैं तो उन्हें भारत-पाक के विभाजक की भूमिका में. आज देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि गांधीजी की वजह से ही देश का विभाजन हुआ. लेकिन वह आखिर यह क्यूं नहीं देख पाते कि यह देश आजाद भी गांधीजी की वजह से ही हुआ है.


गांधी जयंती पर अपने बापू को याद करना तो सभी के लिए आसान है. दो मिनट उनका नाम लिया और याद कर लिया स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे बड़े योद्धा को जिसने बिना हिंसा किए देश को आजादी दिलाई लेकिन क्या हम उनकी शिक्षा पर भी अमल कर सकते हैं? आइए आज एक प्रण लें कि कम से कम व्यक्तिगत तौर पर हमसे जितना संभव हो सकेगा हम अपने जीवन में गांधीजी के मूल्यों को लाने का प्रयास करेंगे.


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(Photo Courtesy: Google Images)

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