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आवाज जिसे सुन छलक आए नेहरू जी के आंसू

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Lata Mangeshkar Profile in Hindi

भारतीय संगीत जगत में ऐसे कई फनकार हुए हैं जिन्होंने अपनी आवाज से संगीत जगत को सजाया है, जिनकी आवाज ने हमें हर दौर में हंसना, रोना और जीना सिखाया है. एक समय था जब देश में तानसेन जैसे गायक अपना गाना गाते थे तो कहा जाता है कि बारिश आती थी और माहौल में गर्मी फैलने लगती थी. आवाज का कुछ ऐसा ही जादू हाल के सालों में स्वर की महारानी लता मंगेशकर के गानों में दिखाई देती है.

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Lata Mangeshkarलता मंगेशकर – नहीं किसी परिचय की मोहताज

लता मंगेशकर को भारत में किसी परिचय की जरूरत नहीं है. हिन्दी सिनेमा के शो मैन कहे जाने वाले राजकपूर को सदा अपनी फिल्मों के लिए लता मंगेशकर की आवाज की जरूरत रहा करती थी. राजकपूर लता के आवाज से इस कदर प्रभावित थे कि उन्होंने लता मंगेशकर को सरस्वती का दर्जा तक दे रखा था.

लता मंगेशकर के बारे में उस्ताद बड़े गुलाम अली खां ने कहा था कि कम्बख्त कभी गलती से भी बेसुरा नहीं गाती. अपनी आवाज के अलावा क्या ये नाम किसी और परिचय या उपमा का मोहताज है?


पंडित जी की आंखों से आंसू

लता मंगेशकर एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने देश को ना जाने कितने ही नगमे दिए. लता जी ने 1962 में चीन के साथ हुई लड़ाई के बाद एक कार्यक्रम में पंडित प्रदीप का लिखा, मेरे वतन के लोगों.. गाया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आंखों से आंसू निकल पड़े थे. आज ऐ मेरे वतन के लोगों.. कालजयी गीतों में शुमार हो चुका है और लगभग हर राष्ट्रीय त्यौहार पर सुनने को अवश्य मिलता है.

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Lata Mangeshkarकभी नहीं गाए अश्लील गाने

सात दशक से अधिक के अपने संगीतमय सफर में लता मंगेशकर ने अपने बनाए मानदंडों के साथ कभी समझौता नहीं किया. अश्लील गीतों से गुरेज उन्हें आज ही नहीं बल्कि कॅरियर के शुरुआती दौर से रहा और कई बार तो उन्होंने गीतों के बोल ही बदलवा दिए.


लता मंगेशकर जी का जीवन

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को मध्यप्रदेश में इंदौर शहर के एक मध्यम वर्गीय मराठी परिवार में हुआ था. लता जी का जीवन बेहद कठिनाइयों भरा रहा. वर्ष 1942 में तेरह वर्ष की छोटी उम्र में ही लता के सिर से पिता का साया उठ गया और परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई. इसके बाद उनका पूरा परिवार पुणे से मुंबई आ गया. हालांकि लता को फिल्मों में अभिनय करना जरा भी पसंद नहीं था बावजूद इसके परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी को उठाते हुए उन्होंने फिल्मों में अभिनय करना शुरू कर दिया. वर्ष 1942 में लता को पहली बार “मंगलगौर” में अभिनय करने का मौका मिला. वर्ष 1945 में लता की मुलाकात संगीतकार गुलाम हैदर से हुई. और शुरू हुआ सुरों का सफर. 40 के दशक से लेकर लता मंगेशकर का जादू लगभग 50 सालों तक चला.

इतिहासगवाह है कि 60, 70, 80, 90 के दशक में फिल्म जगत पर लता और उनकी बहन आशा नेऐसा दबदबा कायम किया कि उस दौर की किसी अन्य गायिका का लोगों को नाम तक याद नरहा.


सबसे ज्यादा गाने का रिकॉर्ड

सन 1974 में दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड भी लता मंगेशकर के नाम है जिन्होंने अब तक 30,000 से ज्यादा गाने गाए हैं. लता मंगेशकर जी ही एकमात्र ऐसी जीवित व्यक्ति हैं जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं.


भारत रत्न लता मंगेशकर

अपनी आवाज से लाखों दिलों पर राज कर चुकी लता मंगेशकर जी को सन 2001 में देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया गया.

लता मंगेशकर स्वर की वह वृक्ष हैं जो अपने फलों के कारण हमेशा नम्र और झुका रहता है. स्वर कोकिला लता मंगेशकर को उनके जन्मदिवस पर हार्दिक बधाइयां.


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