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World Tourism Day 2012
आजकल के समय में हर व्यक्ति किसी ना किसी परेशानी से घिरा हुआ है मानो खुशी तो कहीं गुम हो गई हो….. पर कहते हैं कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ समय ऐसा जरूर निकालना चाहिए जिससे वो दूसरे देश या जगह का पर्यटन करे और खुशियों को फिर से गले लगा सके. 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day) मनाया जाता है और पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आज के समय में जहां हर देश की पहली जरूरत अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है वहीं आज पर्यटन के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन उद्योग के इर्द-गिर्द घूमती है. यूरोपीय देश, तटीय अफ्रीकी देश, पूर्वी एशियाई देश, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि ऐसे देश हैं जहां पर पर्यटन उद्योग से प्राप्त आय वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है.
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पर्यटन का महत्व और पर्यटन की लोकप्रियता को देखते हुए ही संयुक्त राष्ट्र ने 1980 से 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया. पर्यटन दिवस की खासियत यह है कि हर साल लोगों को विभिन्न तरीकों से जागरुक करने के लिए पर्यटन दिवस(World Tourism Day)पर विभिन्न तरीके की थीम रखी जाती है. जैसे 2011 में पर्यटन दिवस की थीम(World Tourism Day 2012 Theme) ‘टूरिज्म लिंकिंग कल्चर्स’ यानि सभ्यताओं को जोड़ने वाला पर्यटन रखी गई पर 2012 के पर्यटन दिवस की थीम(World Tourism Day 2012 Theme) काफी अलग और महत्वपूर्ण है. 2012 के पर्यटन दिवस(World Tourism Day) की थीम “धारणीय विकास को सशक्त बनाने के लिये पर्यटन और धारणीय ऊर्जा” रखी गई है जिसका अर्थ है कि अच्छे पर्यटन के लिए धारणीय ऊर्जा को मजबूत किया जा सकता है साथ ही धारणीय विकास को मजबूत बनाने के लिए पर्यटन का भी प्रयोग किया जा सकता है.
Importance Of World Tourism Day
पर्यटन दिवस की खासियत
पर्यटन दिवस की खासियत यह है कि पर्यटन दिवस(World Tourism Day) के महत्व को समझाने के लिए विभिन्न प्रकार की थीम रखी जाती है जिससे कि हर समुदाय या फिर देश पर्यटन से जुड़ने लगता है. सन् 1980 में पहले विश्व पर्यटन दिवस पर सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में पर्यटन के योगदान को थीम बनाया गया जिससे कि सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को समझा जा सका.
सन् 1982 में पर्यटन के विकास के लिये मेहमान और मेजबान दोनों की भूमिका तय करते हुये थीम प्राइड इन ट्रेवल गुड गेस्ट एण्ड गुड होस्ट रखी गई. यही नहीं समय के साथ-साथ भी पर्यटन दिवस(World Tourism Day)की थीम में बदलाव किया गया जैसे 2004 में खेलों को टूरिज्म से जोड़ते हुये स्पोर्ट्स एण्ड टूरिज्म को थीम बनाया गया. 2011 में लोगों की सभ्यताओं को जोड़ने के लिए टूरिज्म लिंकिंग कल्चर्स थीम रखी गई और 2012 में जहां धारणीय विकास की जरूरत को महसूस किया गया इसलिए 2012 की पर्यटन थीम “धारणीय विकास को सशक्त बनाने के लिये पर्यटन और धारणीय ऊर्जा” रखी गई.
World Tourism Day In India
भारत में पर्यटन के आयाम
भारत जैसे देशों के लिए पर्यटन का खास महत्व होता है. भारत जैसे देश की पुरातात्विक विरासत या संस्कृति केवल दार्शनिक स्थल के लिए नहीं होती है इसे राजस्व प्रप्ति का भी स्रोत माना जाता है और साथ ही पर्यटन क्षेत्रों से कई लोगों की रोजी-रोटी भी जुड़ी होती है. आज भारत जैसे देशों को देखकर ही विश्व के लगभग सभी देशों में पुरानी और ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण किया जाने लगा है.
एक समय ऐसा आया जब भारत के पर्यटन स्थल खतरे में नजर आने लगे और लगने लगा कि शायद अब भारत पर्यटक स्थल के नाम पर पर्यटकों की पहली पसंद नहीं रहेगा. दुनिया में आई आर्थिक मंदी और आतंकवाद के चलते ऐसा लगने लगा कि पर्यटक अब भारत का रुख करना पंसद नहीं करेंगे पर ऐसा नहीं हुआ. भारत की सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुन्दरता इतनी ज्यादा है कि पर्यटक ज्यादा समत तक यहां के सुन्दर नजारे देखने से दूर नहीं रह सके.
भारतीय पर्यटन विभाग ने सितंबर 2002 में ‘अतुल्य भारत’ नाम से एक नया अभियान शुरू किया था. इस अभियान का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर प्रमोट करना था जो काफी हद तक सफल हुआ. भारत के कुछ खास पर्यटन राज्य राजस्थान, गोवा, केरल, हिमाचल प्रदेश आदि हैं पर इन सब के साथ-साथ छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा आदि भी मशहूर पर्यटन राज्यों के रूप में विकसित हो रहे हैं.
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