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ऐसे गीतकार बहुत कम ही हैं जो गीत को अच्छा लिखते तो हैं ही और साथ ही उसमें ऐसी धुनें भर देते हैं जो गीत में जान डालने का काम कर देती हैं. ऐसे गीत जो लोगों के दिल में सदा बसते हैं ऐसे गीत लिखने वाले गीतकार बहुत कम ही होते हैं. प्रसून जोशी उन्हीं गीतकारों में से एक हैं.
प्रसून जोशी को विज्ञापन जगत में विज्ञापन गुरु के नाम से भी जाना जाता है और इसके साथ ही वे अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञापन कंपनी ‘मैकऐन इरिक्सन’ में कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं. ‘तारे जमीं पर’, ‘फ़ना’ और ‘रंग दे बसंती’ के गाने जो आज भी लोगों के दिल में बसते हैं उन गानों को लिखने वाले भी प्रसून जोशी ही हैं.
Prasoon Joshi profile
प्रसून जोशी का जन्म उतराखंड के अल्मोड़ा जिले में 16 सितम्बर, 1968 को हुआ था. प्रसून जोशी के पिता का नाम श्री देवेन्द्र कुमार जोशी और उनकी माता का नाम श्रीमती सुषमा जोशी है. प्रसून जोशी का बचपन एवं उनकी शिक्षा उत्तर प्रदेश में ही हुई थी क्योंकि उनके पिता उत्तर प्रदेश सरकार में ‘शिक्षा निदेशक’ थे. कहते हैं कि प्रसून जोशी का बचपन ही बता दिया करता था कि वो लेखक तो जरूर बनेंगे क्योंकि बचपन में वे खुद की हस्तलिखित पत्रिका भी निकालते थे और यहीं से लेखन उनका शौक़ बना. प्रसून जोशी एमएससी के बाद एम.बी.ए. की पढ़ाई भी कर चुके हैं.
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प्रसून जोशी को दीक्षा
प्रसून जोशी एक अच्छे लेखक हैं यह तो बहुत से लोग जानते हैं पर बहुत कम लोग ही यह जानते हैं कि उस्ताद हफीज़ अहमद खान जी से शास्त्रीय संगीत की दीक्षा भी प्रसून जोशी ले चुके हैं. उस्ताद हफीज अहमद खान जी को शास्त्रीय संगीत का गुरु माना जाता है.
प्रसून जोशी की उपलब्धियां
प्रसून जोशी को राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञापनों में पुरस्कार और साथ ही ‘सिल्क रूट’ के ऊपर चार सुपर हिट ‘एलबम्स’ में धुन रचना के लिए पुरस्कार मिला. फ़िल्म ‘लज्जा’, ‘आंखें’, तारे जमीं पर, रंग दे बसंती जैसी फिल्मों में संगीत देने के लिए फिल्मफेयर अवार्ड मिल चुके हैं. ‘ठण्डा मतलब कोका कोला’ एवं ‘बार्बर शॉप-ए जा बाल कटा ला’ जैसे प्रचलित विज्ञापनों के लिए प्रसून जोशी को विज्ञापन जगत का गुरु कहा जाने लगा है.
प्रसून जोशी कविताओं की रचनाओं के लिए भी मशहूर हैं. प्रसून जोशी अपनी जिंदगी में एक सूत्रवाक्य हमेशा प्रयोग करते हैं कि “आप जिस भी विषय पर काम कर रहे हैं, उस विषय के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश कीजिये. आपकी जानकारी का दायरा जितना फैला हुआ होगा, आपके काम में उतनी ही गहराई आयेगी.”
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