Menu
blogid : 3738 postid : 2309

एक अप्रैल यानि मूर्ख दिवस: एक दिन हंसने हंसाने का

Special Days
Special Days
  • 1020 Posts
  • 2122 Comments

हंसी हर दर्द की दवा होती है. हंसी से बड़ा कोई इलाज नहीं होता. आज की भागती दौड़ती जिंदगी में हंसी कहीं खो सी गई है. लेकिन इस व्यस्त जिंदगी में भी लोग जीने के कुछ पल किसी ना किसी बहाने ढूंढ़ ही लेते हैं. कुछ लोग लाफ्टर क्लब जॉइन करते हैं तो कुछ हिन्दी चुटकुलों को पढ़, सुन और हास्य कार्यक्रम देख अपनी हंसी को खोज ही लेते हैं. हंसी की उपयोगिता का जीवन में महत्व बहुत ही अहम है. यूं तो आज हमें हंसने के पल बेहद कम मिलते हैं लेकिन इन सबके बावजूद एक दिन ऐसा है जो लोगों को हंसने-गुदगुदाने का मौका देता है और यह है एक अप्रैल यानि मूर्ख दिवस का दिन.

अप्रैल फूल जोक्स Jokes in Hindi


Smileyयूं तो एक अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाना पश्चिमी देशों का त्यौहार है लेकिन जिस तरह से हमने पश्चिमी सभ्यता को अपनाया है उसी तरह पश्चिमी त्यौहारों को भी हमने अपने दिल में जगह दी है फिर चाहे वह आपका वैलेंटाइन डे हो या फिर क्रिसमस डे. एक अप्रैल के दिन भारत में भी लोग एक-दूसरे के साथ हंसी-मजाक करने और दूसरों को बेवकूफ बनाने की तरकीबें खोजते हैं. लेकिन जिस तरह से कहा जाता है कि हर चीज की अति इंसान को मुश्किल में डाल देती है उसी तरह अप्रैल फूल बनाने के चक्कर में अक्सर लोग एक-दूसरे को दुश्मन बना बैठते हैं. हमें इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि हमारा मजाक ऐसा हो जो दूसरों को हंसाए ना कि दिल को ठेस पहुंचाए.


फिल्म “अप्रैल फूल” का गीत “अप्रिल फूल बनाया, तो उनको गुस्सा आया, इसमें मेरा क्या कसूर, जमाने का कसूर जिसने ये दस्तूर बनाया” इस पर्व की सभी खूबियों को दिखाता है. हम सभी को दूसरों को फूल यानि बेवकूफ बनाना तो बहुत पसंद है लेकिन यही मजाक जब हमारे साथ होता है तो हम उसे दिल पर ले बैठते हैं. लेकिन हमें चाहिए कि हम जीवन के हर पल को सही तरीके से जीएं और इस हंसी से भरे पर्व को हंसी के साथ मनाएं. इस दिन हंसी-मजाक करने का कोई नियम कानून नहीं होता. हर झूठ, ऊट-पटांग बात, गलत खबर इस दिन जायज और मान्य होती है.


मूर्ख दिवस का इतिहास

मूर्ख दिवस का इतिहास का बहुत ही पुराना है. इस संदर्भ में पहला संबंध चॉसर के कैंटरबरी टेल्स (1392) में पाया जाता है. ब्रिटिश लेखक चॉसर की किताब द कैंटरबरी टेल्स में कैंटरबरी नाम के एक कस्बे का जिक्र है. इसमें इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी की सगाई की तारीख 32 मार्च, 1381 को होने की घोषणा होती है जिसे कस्बे के लोग सही मानकर मूर्ख बन जाते हैं. तभी से एक अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाता है.


हालांकि बहुत से लोगों का मानना है कि मूर्ख दिवस की शुरूआत 17वीं सदी से हुई. इस मजेदार दिन की शुरूआत की कहानी भी बड़ी मनोरंजक है. 1564 से पहले यूरोप के लगभग सभी देशों में एक जैसा कैलेंडर प्रचलित था, जिसमें हर नया वर्ष पहली अप्रैल से शुरू होता था. उन दिनों पहली अप्रैल के दिन को लोग नववर्ष के प्रथम दिन की तरह ठीक इसी प्रकार मनाते थे, जैसे आज हम पहली जनवरी को मनाते हैं.


इस दिन लोग एक-दूसरे से मिलकर बधाइयां देते थे और वह सब काम करते थे जो हम नए साल के दिन करते हैं. सन 1564 में वहां के राजा चार्ल्स नवम ने एक बेहतर कैलेंडर को अपनाने का आदेश दिया. इस नए कैलेंडर में आज की तरह 1 जनवरी को वर्ष का प्रथम दिन माना गया था. अधिकतर लोगों ने इस नए कैलेंडर को अपना लिया, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग थे, जिन्होंने नए कैलेंडर को अपनाने से इंकार कर दिया था. वह पहली जनवरी को वर्ष का नया दिन न मानकर पहली अप्रैल को ही वर्ष का पहला दिन मानते थे. ऐसे लोगों को मूर्ख समझकर नया कैलेंडर अपनाने वालों ने पहली अप्रैल के दिन विचित्र प्रकार के मजाक करने और झूठे उपहार देने शुरू कर दिए और तभी से आज तक पहली अप्रैल को लोग ‘फ़ूल्स डे’ के रूप में मनाते हैं.


April Foolकरें हंसी मजाक लेकिन जरा आराम से

इतना जरूर है कि किसी को भी मूर्ख बनाकर अप्रैल फूल मनाना ठीक है लेकिन यह भी जरूरी है कि इस दिवस की आड़ में किसी का दिल न दुखे. हर बार तमाम ऐसे मामले भी औरों को मूर्ख बनाने के चक्कर में घटित हो जाते हैं कि उनका पछतावा वर्षों तक याद रहता है. मूर्ख दिवस पर किसी के स्वास्थ्य के गड़बड़ाने की सूचना दे देना या चिकित्सक के साथ मजाक इसलिए ठीक नहीं है कि उसके नकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं.


निम्न विषयों पर न करें मजाक-

– किसी के स्वास्थ्य संबंधी खबर को लेकर.

– कॅरियर संबंधी किसी विषय को लेकर.

– किसी के चलने, बोलने और पहनने के ढंग को लेकर.

– अश्लील और भद्दे मजाक ना करें

– किसी के धर्म, सम्प्रदाय, जाति आदि को लेकर मजाक ना करें.


यूं तो पूरे साल ही हम जिंदगी की आपाधापी में बिताते हैं तो क्यूं ना एक दिन दुनिया की उस अनमोल चीज को समर्पित करें जिसने इस दुनिया को और भी खूबसूरत बना दिया है. चलिए हंसें और हंसाएं.


Read More April fool jokes and chutkule: मजेदार मस्ती भरे चुटकुले


Read Hindi News

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh