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भक्त कवि रविदास जयंती

Special Days
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भारत संतों की भूमि है. यहां समय-समय पर संतों और ज्ञानियों ने अपने ज्ञान से समाज में विकास की रफ्तार को मजबूत किया और एकता का प्रचार किया है. लेकिन संत बनना भी कोई आसान काम नहीं. इच्छाओं का अंत हो जाने पर ही मनुष्य संत की श्रेणी में आ सकता है. मीरा हों या कबीर सभी ने अपनी इच्छाओं को दरकिनार कर प्रभु भक्ति और समाज सेवा की वजह से ही इतनी अधिक प्रसिद्धी पाई. संत समाज के इसी भाव और भक्ति को और ऊंचे स्तर तक ले जाने का काम किया कवि रविदास जी ने. कवि रविदास ने साबित किया है कि भगवान की भक्ति के लिए आपको किसी ऊंची जाति या पंडित होने की जरूरत नहीं. भक्ति किसी जाति और नस्ल को नहीं देखती.


यद्यपि संत रविदास का जन्म तत्कालीन सामाजिक व्यवस्था के हिसाब से निम्न वर्ग में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी प्रज्ञा से समाज में आदरणीय स्थान प्राप्त किया.


Ravidass Jayanti बचपन से ही रविदास साधु प्रकृति के थे और ये संतों की बड़ी सेवा करते थे. इस कारण इनके पिता रघु इन पर अक्सर नाराज हो जाते थे. इनकी संत-सेवा में सब कुछ अर्पित कर देने की प्रवृत्ति से क्रुद्ध होकर इनके पिता ने इन्हें घर से बाहर कर दिया और खर्च के लिए एक पैसा भी नहीं दिया. फिर भी रविदास साधुसेवी बने रहे. ये बडे अलमस्त-फक्कड़ थे. संसार के विषयों के प्रति इनमें जरा भी आसक्ति नहीं थी. ये अपनी गृहस्थी जूता-चप्पल बनाकर अत्यंत परिश्रम के साथ चलाते थे. इनकी पत्‍‌नी भी सती-साध्वी थीं.


रविदास साधु प्रकृति के होने के अलावा समाज के लिए भी बेहद सतर्क रहते थे. उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज की बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई.


इनकी रचनाओं की विशेषता लोक-वाणी का अद्भुत प्रयोग था, जिसका मानव धर्म और समाज पर अमिट प्रभाव पड़ता है.


संत रविदास की भक्ति से प्रभावित भक्तों की एक लंबी श्रृंखला है. रविदास के आदर्शों और उपदेशों को मानने वाले रैदास पंथी कहलाते हैं. मन चंगा तो कठौती में गंगा यह उनकी पंक्तियां मनुष्य को बहुत कुछ सीखने का अवसर प्रदान करती है. ‘रविदास के पद’, ‘नारद भक्ति सूत्र’ और ‘रविदास की बानी’ उनके प्रमुख संग्रह हैं.


माघ मास के प्रारंभ होते ही संत रविदास के अनुयायी उनके जन्मोत्सव की तैयारी में जुट जाते हैं. किंतु उनकी जयंती का आयोजन तभी सार्थक होगा, जब हम अभी से अपने मन-वचन-कर्म के शुद्धीकरण में जुट जाएं ताकि हम इन महात्मा की जन्मतिथि पर इनके दिखाए मार्ग पर सच्चाई के साथ चलने का दृढ संकल्प ले सकें.


Kavi Ravidas

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