Menu
blogid : 3738 postid : 1988

[A R Rehman : The Indian Rockstar] ए. आर. रहमान : भारत के असली रॉकस्टार

Special Days
Special Days
  • 1020 Posts
  • 2122 Comments

Magic of Music: A R Rehman

संगीत वही है जो दिल को छू जाए. हमेशा ही भारत में संगीत एक कला नहीं बल्कि पूजा की तरह पूजनीय माना जाता रहा है. संगीत का जादू कुछ ऐसा होता है जो दिल और दिमाग को बड़े से बड़े गम से बाहर निकाल देता है. कुछ ऐसा ही जादू संगीत के फनकार ए आर रहमान के गानों में भी होता है जो इंसान को झूमने को मजबूर कर देता है.


Allah Rakha Rahman ए आर रहमान का नाम आते ही जहन में वह मधुर संगीत गूंजता है जिसकी वजह से ए आर रहमान को संगीत की दुनिया का बादशाह कहा जाता है. ए आर रहमान की अगुवाई में भारतीय संगीत ने दुनिया भर में अपना परचम लहराया है. आज ए आर रहमान की छवि एक अंतरराष्ट्रीय संगीतकार की है जो कई बड़ी हस्तियों के साथ काम कर चुके हैं और लगातार विदेशी गानों को अपने संगीत से सजा भी रहे हैं.


दुनियाभर में प्रसिद्ध हो चुके ए आर रहमान यूं तो एक बड़ी हस्ती हैं लेकिन मीडिया में उनकी खबरें तभी आती हैं जब वह हिट होते हैं. इसकी एक वजह ए आर रहमान का मीडिया से दूर रहना भी है. सादा जीवन में विश्वास रखने वाले ए आर रहमान का आज जन्म दिन है.


ए. आर. रहमान का जन्म 6 जनवरी, 1966 को चेन्नई में हुआ था. जन्म के समय उनके माता पिता ने उनका नाम दिलीप कुमार रखा था. रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिली थी. उनके पिता आरके शेखर मलयाली फ़िल्मों में संगीत देते थे. आज सफलता के शिखर पर बैठे ए आर रहमान की बचपन की कहानी सुन किसी के भी आंखों में पानी आ जाए. रहमान जब मात्र 9 साल के थे तब ही उनके पिता का देहांत हो गया और उनके घर में आर्थिक तंगी आ गई. उन्होंने किसी तरह संगीत के वाद्य यंत्र किराए पे देकर गुजर-बसर किया. हालात इतने बिगड़ गए कि उनके परिवार को इस्लाम अपनाना पड़ा. 70 के दशक में रहमान ने इस्लाम धर्म ग्रहण किया.


कहते हैं ना कि दर्द ही संगीत को एक मजबूत आधार देती है. शायद यही दर्द ही था कि आज रहमान के गानों को सुन सब मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.


AR-Rehmanरहमान ने संगीत की आरंभिक शिक्षा मास्टर धनराज से प्राप्त की. 1991 में पहली बार रहमान ने गाना रिकॉर्ड करना शुरू किया. इसी साल रहमान ने घर के पिछवाड़े में अपना स्टूडियो शुरू किया. शुरुआत में उन्होंने विज्ञापनों और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों में संगीत दिया. हिन्दी फिल्मों के लिए उन्होंने 1992 में पहली बार फिल्म रोजा के लिए संगीत दिया था. अपनी पहली हिन्दी फिल्म “रोजा” के गीतों से ही रहमान ने ऐसा जादू बिखेरा जो आज भी कायम है. फिल्म रोजा के संगीत को टाइम्स पत्रिका ने टॉप टेन मूवी साउंडट्रैक ऑफ ऑल टाइम इन 2005 में जगह दी. उसके बाद देश की आजादी की 50 वीं वर्षगाँठ पर 1997 में “वंदे मातरम” एलबम बनाया, जो जबरदस्त सफल रहा था. उन्होंने जाने-माने कोरियोग्राफर प्रभुदेवा और शोभना के साथ मिलकर तमिल सिनेमा के डांसरों का ग्रुप बनाया, जिसने माइकल जैक्सन के साथ मिलकर स्टेज कार्यक्रम दिए.


ए आर रहमान को कर्नाटकी, पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत, हिन्दुस्तानी संगीत में महारत हासिल है. इस कारण संगीत का कोई भी भाग उनसे अछूता नहीं. वे प्रयोग करने में काफी विश्वास करते हैं. नई आवाज को वे मौका जरूर देते हैं. रहमान पर सूफीवाद का गहरा असर है और यह उनके गानों में भी नजर आता है.


अगर आज तक के रहमान के अवार्डों पर नजर डालें तो लगेगा जैसे रहमान कोई अवार्ड पुरुष हैं. रहमान को अब तक सर्वाधिक 14 फिल्मफेयर अवार्ड, 11 फिल्मफेयर अवार्ड साउथ, चार राष्ट्रीय पुरस्कार, दो अकादमी, दो ग्रेमी अवार्ड और एक गोल्डन ग्लोब अवार्ड मिला है. उनके स्लमडॉग मिलेनियर के गाने “जय हो” के लिए तो उन्हें ऑस्कर पुरस्कार से भी नवाजा गया था. और इन सब के साथ रहमान को साल 2000 में पद्मश्री और 2010 में पद्म विभूषण से भी नवाजा गया है.


ए आर रहमान की पत्नी का नाम सायरा बानो है. उनके तीन बच्चे हैं – खदीजा, रहीम और अमन. आज जहां हर संगीतकार पर धुन चुराने का आरोप लगता है वहीं ए आर रहमान को उनके संगीत के नएपन के लिए ही सराहा जाता है. हाल ही में उन्होंने “रॉकस्टार” में एक बेहतरीन गाना दिया है.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to nancy4vayeCancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh