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आज हम जब भी क्रिकेट का नाम लेते हैं तो सबसे पहला नाम सचिन तेंदुलकर का आता है जिन्हें लोग क्रिकेट का भगवान भी कहते हैं. लेकिन यह भूलना नहीं चाहिए कि भगवान भी अपना काम पूरा करने के लिए सहायकों का साथ लेते हैं. क्रिकेट के मैदान पर अगर सचिन के साथ लक्ष्मण, द्रविड़ और गांगुली जैसे स्टार खिलाड़ी नहीं होते तो शायद आज खुद सचिन भी इस मुकाम पर नहीं होते. इस बात को खुद सचिन भी मानते हैं कि वह खुशकिस्मत हैं कि उन्हें ऐसे खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला. भारतीय टेस्ट क्रिकेट में सचिन के साथ जिन महान बल्लेबाजों का नाम लिया जाता है उसमें सबसे स्पेशल हैं लक्ष्मण.
सीधे-सादे लक्ष्मण मैदान के बाहर कैमरे पर कम ही नजर आते हैं लेकिन इतिहास गवाह है कि हाल के सालों में भारत को टेस्ट मैचों में जब भी जरूरत हुई है तो कैमरों का रुख लक्ष्मण की तरफ ही गया है. अपने काम को किस तरह से पूरा किया जाता है यह लक्ष्मण अच्छी तरह जानते हैं. जब शुरुआत में आए थे तब कई लोगों ने इन्हें सुस्त कहकर टीम से बाहर रखा पर अपनी तकनीक और कलाइयों के जादू से इन्होंने साबित कर दिया कि बेशक वह सचिन जैसे ना हों पर उनसे कम भी नहीं हैं. अगर सचिन शतकों का पहाड़ खड़ा कर सकते हैं तो लक्ष्मण भी टीम की नैया को कहीं से पार लगा सकते हैं. अधिकतर निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ बल्लेबाजी करने वाले लक्ष्मण ने कई मौकों पर मैच की बाजी भारत की तरफ पलटी है.
इस बार भी वेस्टइंडीज के खिलाफ चल रहे टेस्ट मैच में लक्ष्मण ने अपने पसंदीदा ईडन गार्डन क्रिकेट मैदान पर 176 रनों की नाबाद पारी खेली. इसमें कोई दो राय नहीं था कि अगर धोनी पारी घोषित नहीं करते तो लक्ष्मण दोहरा शतक बना देते. पर इस खब्बू बल्लेबाज ने हमेशा इसी अंदाज में दर्शकों का दिल जीता है.
वी वी एस लक्ष्मण की प्रोफाइल
वांगिपुरप्पु वेंकट साई लक्ष्मण, जिन्हें क्रिकेट जगत में वीवीएस लक्ष्मण के नाम से जाना जाता है, का जन्म 1 नवंबर, 1974 को हैदराबाद में हुआ था. उनके पिता श्री शांताराम और मां सत्यभामा डॉक्टर हैं. वीवीएस लक्ष्मण भी मेडिकल के छात्र थे, लेकिन क्रिकेट के क्षेत्र में नाम कमाने की इच्छा के कारण उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई छोड़ दी. आज भारतीय टेस्ट क्रिकेट का यह चमकदार सितारा घरेलू क्रिकेट में हैदराबाद की ओर से खेलता है. इसके साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग में वीवीएस लक्ष्मण हाई प्रोफाइल डेक्कन चार्जर टीम के कप्तान रहे हैं.
वीवीएस लक्ष्मण का कॅरियर
वीवीएस लक्ष्मण ने टेस्ट क्रिकेट के क्षेत्र में शुरुआत वर्ष 1996 में की थी, जब उन्होंने मध्य क्रम के बल्लेबाज के रूप में खेलते हुए अहमदाबाद में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 50 रन बनाए. 1997 में उन्हें भारत की टेस्ट क्रिकेट टीम में ओपनिंग बैट्समैन की भूमिका दी गई. वर्ष 2000 में सिडनी में आस्ट्रेलिया के विरुद्ध 167 रन बनाने के बाद वे मीडिया की सुर्खियों में आ गए, यह भारत के लिए विदेशी भूमि पर बहुत बड़ी उपलब्धि थी. इसके बावजूद वीवीएस लक्ष्मण ओपनिंग बैट्समैन की भूमिका में खुद को सहज नहीं पाते थे और उन्होंने निर्णय लिया कि वे खुद को घरेलू क्रिकेट तक सीमित कर लेंगे. नतीजतन वे लगभग एक साल टेस्ट क्रिकेट टीम से बाहर रहे, लेकिन उन्हें वर्ष 2001 में आस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेलने के लिए टीम में वापस बुलाया गया.
इस टेस्ट श्रंखला से वीवीएस लक्ष्मण के कॅरियर में नाटकीय बदलाव आए. उन्होंने कोलकाता के ईडन गार्डन स्टेडियम में हुए मैच में आस्ट्रेलिया के विरुद्ध 281 रन बनाते हुए सुनील गावस्कर का रिकार्ड तोड़ दिया. इस पारी में उन्होंने राहुल द्रविड़ के साथ 376 रनों की रिकार्ड भागीदारी भी की. नतीजतन, भारत ने टेस्ट श्रृंखला जीत ली और कुछ सालों के लिए टेस्ट और वनडे क्रिकेट टीमों में वीवीएस लक्ष्मण का स्थान पक्का हो गया.
यह सच है कि आलोचकों की निगाह में 2004 से 2006 तक वीवीएस लक्ष्मण का कॅरियर ग्राफ बहुत अच्छा नहीं रहा, लेकिन यह वीवीएस लक्ष्मण ही थे, जिन्होंने दिसंबर 2005 में श्रीलंका के विरुद्ध शानदार शतक लगाकर भारत को जीत दिलाई थी. जून 2006 में उन्होंने वेस्टइंडीज के विरुद्ध शतक बना कर भारत को एक बार फिर संकट से उबार लिया था. 2007 में वीवीएस लक्ष्मण शानदार क्रिकेटर के रूप में उभरे और इंग्लैंड तथा पाकिस्तान के विरुद्ध शानदार परफारमेंस दी. जनवरी 2008 में उन्होंने आस्ट्रेलिया के विरुद्ध शतक जड़ा और अगस्त 2008 में उन्होंने भारत-श्रीलंका श्रृंखला में टेस्ट कॅरियर के 6000 रन पूरे किए.
लक्ष्मण का “आस्ट्रेलिया प्रेम”
और कौन भूल सकता है साल 2010 का आस्ट्रेलिया दौरा जब चोटिल होने के बाद भी लक्ष्मण ने भारत को जीत दिला दी थी.
भारत के वेरी-वेरी स्पेशल लक्ष्मण के बारे में यह कहावत है कि अगर उन्हें बिस्तर से उठाकर ऑस्ट्रलिया के खिलाफ़ बल्लेबाज़ी करने को उतार दिया जाए तो तब भी वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ शतक ठोंक सकते हैं.
2010 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली टेस्ट में एक समय भारत को जीत के लिए 92 रन बनाने थे लेकिन उसके पास केवल दो विकेट शेष थे. ऐसे में बल्लेबाजी कर रहे थे पीठ के दर्द से घायल लक्ष्मण और पुछल्ले बल्लेबाज ईशांत शर्मा. ईशांत शर्मा के साथ मिलकर पहले तो लक्ष्मण ने 91 रनों की अहम साझेदारी की. लेकिन जब जीत के लिए 11 रन की जरूरत थी तभी ईशांत बेन हिल्फेनहास की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए. और इसके बाद जो हुआ वह इतिहास बन गया. बेहद नाटकीय मुकाबले में लक्ष्मण और प्रज्ञान ओझा(नाबाद पांच) ने साथ मिलकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिला दी.
ईडन गार्डन से प्रेम
कोलकाताकाईडन गार्डन लक्ष्मण के पसंदीदा क्रिकेट ग्राउंड में से एक है. वीवीएस लक्ष्मण ने वेस्टइंडीज के खिलाफ ईडन गार्डन पर अपनी नाबाद 176 रन की पारी के दौरान इस मैदान पर अपने रनों की संख्या 1217 पर पहुंचाई. इससे वह किसी एक मैदान पर सर्वाधिक रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाजों की सूची में शीर्ष पर काबिज हो गए.
वनडे से दूरी
टेस्ट मैचों में 8000 रन से अधिक रन बनाने वाले इस बल्लेबाज को कभी भी एक वनडे बल्लेबाज नहीं समझा गया और यही वजह है कि उनके नाम सिर्फ 86 वनडे मैच हैं जिसमें उन्होंने 2338 रन बनाए हैं. देखा जाए तो यह रिकॉर्ड बल्लेबाजी की दृष्टि से खराब नहीं है लेकिन आजकल के फटाफट क्रिकेट में एक खिलाड़ी का सिर्फ बल्लेबाजी करना ही मायने नहीं रखता. लक्ष्मण को टीम इंडिया के सुस्त फील्डरों में से एक माना जाता है और साथ ही वह गेंदबाजी भी नहीं कर सकते. यह दो ऐसे क्षेत्र हैं जिसने लक्ष्मण को वनडे से दूर कर दिया है वरना हो सकता था वनडे में भी लक्ष्मण का जादू चलता. लक्ष्मण ने साल 2006 के बाद से कोई वनडे मैच नहीं खेला है.
कलाई का जादू
पूर्वकप्तान और स्टार बल्लेबाज अजहरुद्दीन के बाद लक्ष्मण को कलाई का जादूगर कहा जाता है. लक्ष्मण से बेहतरीन कलाइयों का इस्तेमाल मौजूदा क्रिकेट जगत में कोई नहीं करता. जिस अंदाज में वह गेंद को सीमा रेखा तक पहुंचाते हैं वह बेहद दर्शनीय होता है.
लक्ष्मण के कॅरियर पर एक नजर
लक्ष्मण के नाम 129 टेस्ट मैच में 8563 रन दर्ज हैं और वह सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में 16वें नंबर पर काबिज हैं.
लक्ष्मण ने हाल ही में टेस्ट मैचों में 17वां शतक जमाकर दिलीप वेंगसरकर की भी बराबरी की है. अब वह भारत की तरफ से सर्वाधिक शतक जमाने वाले बल्लेबाजों में संयुक्त रूप से छठे स्थान पर हैं.
लक्ष्मण और धोनी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी शतकीय पारियों के दौरान सातवें विकेट के लिए 224 रन की साझेदारी की जो भारत और वेस्टइंडीज के बीच इस विकेट के लिए नया रिकार्ड है.
लक्ष्मण ने 86 एकदिवसीय मैचों में 30.76 की औसत से 2338 रन बनाए हैं जिसमें 6 शतक और 10 अर्द्धशतक शामिल हैं.
साल 2011 में लक्ष्मण को पद्मश्री से भी नवाजा गया था.
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