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यह ढाई किलो का हाथ जब पड़ता है तो इंसान उठता नहीं उठ जाता है.” इस डायलॉग को दर्शकों के दिलों में सालों तक बसाए रखने वाले दिलेर सन्नी देओल का आज जन्मदिन है. फिल्म “दामिनी” से लेकर 2011 की “यमला पगला दीवाना” तक सन्नी देओल का अंदाज कई बार बदला लेकिन सन्नी देओल का जो एक्शन स्वरूप दर्शकों को पसंद आया उसका कोई जवाब नहीं.
अभिनेता धर्मेन्द्र के बेटे सन्नी देओल भी अपने पिता की तरह ही एक्शन फिल्मों के बेहतरीन हीरो माने जाते हैं. एक समय था जब बॉलिवुड में सन्नी देओल एक्शन फिल्मों के पर्याय बन चुके थे. अपने सफल कॅरियर में सन्नी देओल ने बॉर्डर, गदर, दामिनी, घातक, घायल, अर्जुन, जिद्दी, जीत जैसी फिल्में की हैं. लेकिन आज के समय बॉलिवुड में एक्शन हीरो की जगह चॉकलेटी हीरो को तरजीह दी जाती है और इस दौर में सन्नी देओल को बिलकुल नकार दिया गया है. अगर हाल की दो चार फिल्मों को छोड़ दें तो सन्नी देओल फिल्मी पर्दे से पूरी तरह गायब हो चुके हैं. एक बेहतरीन कलाकार होने के बाद भी सन्नी देओल की आज वह पूछ नहीं है जो होनी चाहिए. फिल्मकारों ने उन्हें सिर्फ एक एक्शन हीरो ही बनाकर रख दिया है. डांस ना आना और भारी आवाज ने सन्नी पाजी के कॅरियर पर ब्रेक लगा दिया है.
आइए एक नजर डालते हैं सन्नी देओल के फिल्मी कॅरियर पर
सन्नी देओल का जीवन
19 अक्टूबर, 1956 को पंजाब के जाट परिवार में जन्में सन्नी देओल के पिता धर्मेंद्र हैं. हिन्दी फिल्मों के हीमैन धर्मेंद्र की तरह सन्नी भी अभिनय की दुनिया से ही जुड़े. सन्नी धर्मेन्द्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर के बेटे हैं. सन्नी के भाई बॉबी देओल और दो बहनें विजयता देओल और अजीता देओल हैं. ईशा देओल और अहाना देओल उनकी सौतेली बहनें हैं. धर्मेन्द्र ने अभिनेत्री हेमा मालिनी से दूसरी शादी की है लेकिन उन्होंने दूसरी शादी करने के बाद भी अपने पहले परिवार को नहीं छोड़ा. आज भी सन्नी देओल धर्मेन्द्र और बॉबी के करीब माने जाते हैं. सन्नी देओल ने आज तक हेमा मालिनी को अपनी मां के रूप में स्वीकार नहीं किया है.
फिल्मी पर्दे पर धर्मेन्द्र, बॉबी देओल और सन्नी देओल की त्रिमूर्ति “अपने” और “यमला पगला दीवाना” जैसी फिल्मों में साथ दिख चुकी है लेकिन सन्नी देओल आज तक सार्वजनिक जगहों पर कभी हेमा मालिनी और उनकी बेटियों के साथ नहीं दिखे हैं.
सन्नी देओल का परिवार
फिल्मों में चाहे सन्नी देओल कितने ही गुस्सैल या दबंग हों पर असल जिंदगी में सन्नी देओल बेहद शर्मीले हैं. आज तक सन्नी देओल की बीवी पूजा देओल कभी लाइमलाइट में नहीं आईं. सन्नी देओल खुद अपने परिवार को मीडिया की नजरों से बचाकर रखना पसंद करते हैं. सन्नी देओल के दो बेटे राजवीर देओल और रनवीर देओल हैं.
सन्नी देओल का कॅरियर
सन्नी देओल ने अपने फिल्मी कॅरियर की शुरूआत 1983 की फिल्म “बेताब” से की थी जिसमें वह अमृता राव के अपोजिट थे. इसके बाद कई सालों तक उन्हें फ्लॉप फिल्मों का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद साल 1985 में आई “अर्जुन” ने सन्नी देओल को हिन्दी फिल्मों का एक्शन हीरो बना दिया. इसके बाद “त्रिदेव”, “पाप की दुनिया” और “चालबाज” जैसी फिल्मों में भी उनका यही अंदाज जारी रहा.
1990 में आई फिल्म “घायल” ने तो सन्नी देओल को असली एक्शन किंग बना दिया. इस फिल्म को सात फिल्मफेयर अवार्ड भी मिले. इसके बाद वर्दी, क्रोध और विश्वात्मा जैसी फिल्मों के सहारे सन्नी का कॅरियर आगे बढ़ता रहा. आम जनता के बीच इस समय सन्नी देओल एक सशक्त अभिनेता थे.
1993 में आई सन्नी के कॅरियर की सबसे सुपरहिट फिल्म “दामिनी”. दामिनी के सहारे सन्नी देओल का कॅरियर फिर से उफान पर आ गया. इस फिल्म में उनके द्वारा बोला गया डायलॉग “यह ढाई किलो का हाथ जब किसी पर पड़ता है तो वह उठता नहीं उठ जाता है” और “तारीख पर तारीख” इतने अधिक लोकप्रिय हुए थे कि आज तक लोग उसकी कॉपी करते हैं. इस फिल्म में सन्नी देओल ने जिस अंदाज में अपने किरदार को जीवित किया वह आज तक अभिनेताओं के लिए एक आदर्श है.
इस फिल्म के बाद तो सन्नी देओल ने लगातार पांच हिट फिल्में दी जिसमें जीत, घातक, अजय, जिद्दी और बॉर्डर शामिल थी. घातक और बॉर्डर भी सन्नी देओल की कुछ खास और सफल फिल्मों में गिनी जाती हैं. जिद्दी में सन्नी देओल का रोमांटिक साइड देखने को मिला.
1999 में फिल्म “दिल्लगी” के साथ सन्नी ने निर्देशन की तरफ भी हाथ आजमाया. इस फिल्म में उन्होंने अपने भाई बॉबी देओल के साथ काम किया. 2001 में सन्नी देओल ने फिल्म “गदर: एक प्रेम कथा” में काम किया. यह फिल्म सन्नी की अब तक की सबसे हिट और कमाऊ फिल्म मानी जाती है. इस फिल्म के कई दृश्य देखकर आज भी लोग रोमांचित हो उठते हैं. गदर ने साबित कर दिया कि बॉलिवुड में सन्नी देओल की तरह कोई भी हीरो एक्शन नहीं कर सकता.
लेकिन इसके बाद सन्नी देओल की लोकप्रियता का ग्राफ गिरता ही चला गया. हालात ऐसे आ गए कि 2002 के बाद सन्नी देओल की गिनी चुनी फिल्में ही पर्दे पर आईं.
हाल के सालों में सन्नी “मां तुझे सलाम”, “द हीरो”, “अपने”, “यमला पगला दीवाना” जैसी फिल्मों में ही नजर आए हैं. उम्मीद की जा रही है नए साल की शुरूआत तक सन्नी देओल अपनी सुपरहिट फिल्म “घायल” का सिक्वल “घायल रिटर्न” के साथ पर्दे पर हाजिर होंगे. अगर आप भी सन्नी देओल के प्रशंसक हैं तो दिल थाम के बैठिए अपने एक्शन हीरो की आने वाली फिल्म को देखने के लिए.
सन्नी देओल को मिले पुरस्कार
बेहतरीन अदाकारी और प्रतिभा के बाद भी सन्नी देओल को फिल्मफेयर और पुरस्कारों के कम ही लायक समझा गया. सन्नी देओल के नाम सिर्फ दो फिल्मफेयर अवार्ड हैं. शायद यही वजह है कि सन्नी देओल फिल्मफेयर अवार्ड समारोह में नजर नहीं आते.
सन्नी को पहली बार 1991 में फिल्म “घायल” के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवार्ड और फिर 1994 में फिल्म “दामिनी” के लिए सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता के फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया. सन्नी को दो बार राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है. उन्हें पहली बार 1991 में फिल्म “घायल” के लिए स्पेशल ज्यूरी अवार्ड, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिर 1994 में फिल्म “दामिनी” के लिए सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया.
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