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कई साल पहले तक हम सोच भी नहीं सकते थे कि एक ऐसी चीज बनेगी जिसे हम हाथ में लेकर घूमेंगे और हजार से ज्यादा गाने अपनी मुठ्ठी में रखेंगे. लेकिन एक इंसान ने हमारी सभी जरूरतों और सुविधाओं को एक ही स्थान पर ला खड़ा किया. स्टीव जॉब्स ने दुनिया में मोबाइल उपभोक्ताओं और संगीत प्रेमियों को ऐसा नायाब तोहफा दिया जिसका आंकलन किया ही नहीं जा सकता. आज हमारे बीच स्टीव जॉब्स तो नहीं रहे लेकिन फिर भी उनकी यादें हमेशा रहेंगी.
दुनियाभर में संगीत सुनने, कंप्यूटर का इस्तेमाल करने और फोन पर संपर्क साधने का अकेलेदम पर अंदाज बदलने वाले एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स का निधन हो गया. 56 वर्ष के जॉब्स का स्वास्थ्य पिछले कई वर्ष से खराब था. वह पैन्क्रियाज के कैंसर की परेशानी से ग्रस्त थे. प्रौद्योगिकी की दुनिया के बेताज बादशाह जॉब्स को 2004 में पैन्क्रियाज कैंसर की शिकायत हुई और 2009 में उनका यकृत बदला गया.
स्टीव ने भले ही किसी नई चीज का आविष्कार नहीं किया हो पर उन्होंने अपने आसपास पहले से मौजूद चीजों को ऐसा रूप दिया कि सब चीजें ही बदल गईं. उनकी मौत से एक दिन पहले ही एप्पल ने अपना नया आई आइफोन 4 एस बाजार में उतारा था. स्टीव जॉब्स की प्रतिभा, जुनून और ऊर्जा कंपनी के असंख्य अविष्कारों का आधार बनी.
एप्पल के सबसे ज्यादा प्रचलित और प्रतिष्ठित उत्पाद जैसे आईपॉड, आई फोन और आई पैड जॉब्स की दूरदर्शिता और कौशल के ही परिणाम थे. उनके नेतृत्व में एप्पल ने आई पॉड के जरिए संगीत जगत की नई परिभाषा गढ़ी. आई फोन ने मोबाइल की दुनिया का अंदाज बदला और आई पॉड ने मनोरंजन और मीडिया जगत को नए मायने दिए.
1955 में पैदा होते ही स्टीव को उनकी मां ने पॉल और क्लैरा जॉब्स की गोद में सौंप दिया था. अनब्याही मां होने की वजह से उन्हें डर था कि बच्चे को जरूरी शिक्षा व सुविधाएं वह न दे पाएं. अडॉप्शन से पहले ही उन्होंने स्टीव को अच्छी पढ़ाई- लिखाई देने की गारंटी ली थी. स्कूल के दिनों में स्टीव एचपी में समर जॉब कर रहे थे जहां उनकी मुलाकात स्टीव वॉजनिक से हुई.
जॉब्स ने 1976 में अपने घर के गैराज में स्टीव वोज्नियाक के साथ एप्पल की शुरूआत की और एप्पल दो तथा मैसिनटोश कंप्यूटर्स का विकास किया. उन्होंने कंपनी के निदेशक मंडल के साथ विवाद के चलते 1985 में कंपनी छोड़ दी. अगले वर्ष उन्होंने नेक्स्ट कंप्यूटर की स्थापना की. 1986 में उन्होंने लुकासफिल्म के कंप्यूटर ग्राफिक्स डिवीजन को खरीद लिया और इसे एक स्वतंत्र एनीमेशन स्टूडियो पिक्सर के तौर पर फिर से स्थापित किया.
करीब एक दशक बाद 1996 में एप्पल ने नेक्स्ट को खरीद लिया और जॉब्स को एप्पल में वापिस लाया गया. 1997 से जॉब्स ने कंपनी के सीईओ के तौर पर काम शुरू किया और जीवन के अंतिम दिनों तक इसी पद पर बने रहे. आईमैक 1998 में लॉन्च हुआ और उसने ऐपल की क़िस्मत ही बदल दी. स्टीव जॉब्स को दो साल बाद कंपनी का मुख्य कार्यकारी बनाया गया.
जॉब्स ने 1991 में लोरेन पॉवेल से शादी की थी. उनके परिवार में उनकी पत्नी लॉरेन और तीन बच्चे हैं.
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