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आपने काफी बार सुना होगा कि मानव शरीर में ही भगवान निवास करते हैं इसलिए शरीर को स्वस्थ और स्वच्छ रखना जरूरी होता है. हमारा शरीर एक मशीन की तरह है जिसके हर अंग का कुछ ना कुछ काम होता है. दिल, दिमाग, पेट, जुबां सब मिलकर हमारे दैनिक जीवन को बेहतर बनाते हैं. आज विश्व ह्रदय दिवस के मौके पर चलिए जानते हैं दिल से जुड़ी कुछ विशेष बातों के बारे में.
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक दिल ही है जिस पर सबसे ज्यादा बोझ पड़ता है. तनाव, थकान, प्रदूषण आदि कई वजहों से खून का आदान-प्रदान करने वाले इस अति महत्वपूर्ण अंग को अपना काम करने में मुश्किल होती है.
आज युवाओं में हृदयाघात और हृदय की बीमारियों की बढ़ती संख्या, चिंता का विषय बन रही हैं. पहले जहां 30 से 40 वर्ष तक के बीच हृदय की समस्याएं आंकी जाती थीं, आज यह 20 वर्ष से कम उम्र के लोगों में भी होने लगी हैं. ऐसे में हृदय की समस्याओं से बचने का एक ही उपाय है कि आप खुद अपनी कुछ सामान्य जांच करें और हृदय संबंधी सामान्य समस्याओं को भी गंभीरता से लें.
हृदय के साथ होने वाली छेड़छाड़ का ही नतीजा है कि आज विश्व भर में कई तरह के हृदय रोग देखने को मिल रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार भारत में 10.2 करोड़ लोग हार्ट के मरीज हैं. पूरी दुनियां में 1.73 करोड़ हर वर्ष इस बीमारी के शिकार होकर मर जाते हैं. यदि हालातों पर काबू नहीं किया गया तो 2020 तक हर तीसरे व्यक्ति की मौत हृदय रोग से होगी.
माना जाता है कि हाई ब्लड प्रेशर डाइबिटीज का सही कंट्रोल न करना एवं गुस्सा या चिंता अधिक करने वाले लोगों को जल्द हार्ट अटैक होने की आशंका होती है. इसलिए इससे बचाव के लिए काफी कुछ परहेज रखने की जरुरत है.
साथ ही आजकल हम अपना अधिकतर समय ऑफिस में बिताते हैं जहां अधिक शारीरिक कार्य करने की जगह अधिकतर लोग सिर्फ बैठकर अपना काम करते हैं. इस स्थिति में शरीर निष्क्रिय जीवनशैली का आदी बन जाता है. आज के युवा ऑफिस में तो बैठे बैठे कॉफी पीते हैं और फिर घर पर भी रात को देर तक टीवी देखकर सुबह देर से जगते हैं. फिर सुबह ऑफिस पहुंचने की भागमभाग में व्यायाम नाम की बला से पाला ही नहीं पड़ता. ऐसे में हृदय रोगों की आहट आनी लाजमी है.
बढ़ते हृदय रोगों की संख्या और पीड़ितों की वजह से ही संयुक्त राष्ट्र ने साल 2000 से हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया. साल 2009 और 2010 में संयुक्त राष्ट्र ने विश्व हृदय दिवस की थीम “ऑफिस में हृदय स्वास्थ” थी और इस साल इसकी थीम है “वन वर्ल्ड, वन होम, वन हर्ट” यानि एक संसार, एक घर और एक दिल जिसके द्वारा संयुक्त राष्ट्र हर व्यक्ति को अपने दिल के प्रति जागरूक बनाना चाहता है.
लेकिन ऐसा नहीं है कि हृदय रोग रोके नहीं जा सकते बल्कि इनसे बचना तो बहुत आसान है. जरूरत है तो बस जागरूकता की. तो चलिए पढ़ते हैं हृदय रोगों से बचने के कुछ तरीके.
हृदय रोग के कारण
निष्क्रिय जीवन शैली, अत्यधिक तनाव, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, ज्यादा धूम्रपान, मोटापा, वसायुक्त भोजन ग्रहण करना आदि हैं. उन लोगों को तो अधिक खतरा होता है जिनका कोलेस्ट्रोल, ट्राईग्लिसराइड और वीएलडीएल, एलडीएल ज्यादा होता है.
हृदय रोग से बचाव
हार्ट के मरीज ज्यादा भारी काम मत करें. डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों को शुगर तथा ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण रखना चाहिए. एक सप्ताह में कम से कम पांच दिन व्यायाम जरुरी है. तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए. वसायुक्त भोजन का सेवन न करें साथ ही ताजे फल एवं सब्जियों का सेवन करना चाहिए. चिकनाई युक्त पदार्थ नहीं खाना चाहिए. रचनात्मक और मनोरंजनात्मक कार्यो में मन लगाएं.
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