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एक सफल नायक वही होता है जो हर तकलीफ सहकर और हर मुसीबत का सामना करके दुबारा अपने काम पर लौट आए. जब भी वह नीचे गिरे तो कुछ यूं उठे कि पहले से भी ऊपर जाए. हिन्दी सिनेमा जगत में ऐसा ही किया है अभिनेता संजय दत्त ने. एक अभिनेता, खलनायक, गायक और नेता के रोल में खुद को फिट करने वाले संजय दत्त ने कभी भी किसी चीज से हार नही मानी. जवानी में अवैध एके-47 रखने के चक्कर में आज भी संजय दत्त को जेल के चक्कर लगाने पड़ते हैं लेकिन फिर भी वह बॉलिवुड से खुद को मजबूती से जोड़े हुए हैं.
संजय दत्त का जीवन
संजय दत्त मशहूर अभिनेता सुनील दत्त और अभिनेत्री नरगिस के बेटे हैं. 29 जुलाई, 1959 को जन्मे संजय दत्त ने अपनी पढ़ाई लॉरेंस स्कूल, सानावार (Lawrence School Sanawar) से की. संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त हैं जो अब राजनीति में सक्रिय हैं और उनकी एक और बहन नम्रता दत्त हैं जिन्होंने अभिनेता कुमार गौरव से शादी की है. संजय दत्त अपने माता-पिता के बड़े दुलारे थे क्यूंकि वह अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे.
संजय दत्त के जीवन में उनके पिता सुनील दत्त का बहुत बड़ा रोल है. संजय दत्त के कॅरियर को संवारना हो या कानूनी पचड़े से निकालना, हर जगह उनके पिता ने ही उन्हें सहारा दिया. संजय दत्त भी अपने पिता का बड़ा मान रखते थे.
संजय दत्त का कॅरियर
संजय दत्त ने 13 साल की उम्र में ही फिल्म “रेशमा और शेरा” में एक बाल कलाकार की भूमिका निभाई थी. संजय दत्त ने इसके बाद 1981 में फिल्म “रॉकी” से अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत की. यह फिल्म एक हिट साबित हुई थी लेकिन इस फिल्म के बाद ही उनकी मां नरगिस की मृत्यु हो गई थी. मां की मौत का सदमा संजय दत्त बर्दाश्त नहीं कर पाए और तन्हाई को मिटाने के लिए उन्होंने ड्र्ग्स का सहारा लेना शुरू कर दिया. ड्रग्स की वजह से उनसे कई फिल्में छूट गईं. इसके बाद उनके पिता सुनील दत्त ने उन्हें यूएस के एक नशामुक्ति केन्द्र भेजा जहां से लौट कर उन्होंने कई सुपरहिट फिल्में दीं. 80 से 90 के समय तक संजय दत्त ने नाम, विधाता, जीवा, ताकतवर जैसी कई हिट फिल्मों में अभिनय किया. अपने स्टाइल और युवा शैली की वजह से वह बहुत जल्दी दर्शकों में प्रसिद्ध हो गए.
1990 में आई फिल्म “सड़क” और “खून का कर्ज” भी हिट साबित हुई थी लेकिन साल 1991 में आई फिल्म “साजन” में उनके अभिनय को सराहना के साथ फिल्मफेयर का नामांकन भी मिला. फिर वह साल आया जिसने संजय दत्त की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया.
संजय दत्त और ए के 47 का खेल
निर्देशक सुभाष घई ने फिल्म “खलनायक” में संजय दत्त को एक सशक्त भूमिका दी जिसे संजय दत्त ने अपने अभिनय से और भी सजा दिया. लेकिन फिल्म की रिलीज के समय ही 19 अप्रैल, 1993 को उन्हें टाडा के तहत अवैध रुप से हथियार रखने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया और 18 महीने के लिए आर्थर जेल में भेज दिया गया. यह वह समय था जिसे शायद संजय दत्त की जिंदगी का सबसे कठिन समय माना जा सकता है. एक लंबे समय तक कोर्ट के चक्कर लगाने के बाद उन्हें 1995 में छोड़ दिया गया. लेकिन अभी भी उनकी परेशानी कम नहीं हुई. साल 2006 में उन्होंने कबूल कर लिया कि उन्होंने कुछ हथियार गैर-कानूनी तौर से अपने पास रखे थे जिसके लिए उन्हें 6 साल जेल की सजा सुनाई गई. फिलहाल संजय दत्त जमानत पर हैं.
खलनायक हुई हिट
फिल्म “खलनायक” में संजय दत्त ने एक ऐसे किरदार का रोल निभाया था जो पहले अच्छा होता है लेकिन हालात उसे बुरा बना देते हैं और इसी समय वह टाडा के तहत गिरफ्तार भी हो गए थे. अब इसे संयोग कहिए या किस्मत संजय दत्त की गिरफ्तारी और उनकी असल जिंदगी में खलनायिकी के किस्से ने फिल्म “खलनायक” को उनके कॅरियर की सर्वश्रेष्ठ फिल्म बना दी. इस फिल्म ने एक नए संजय दत्त को जन्म दिया जो पहले से ज्यादा समझदार और जिम्मेदार थे.
माधुरी और संजय दत्त
फिल्म “खलनायक” ने बॉलिवुड में माधुरी दीक्षित और संजय दत्त के बीच प्यार के किस्से को नई हवा दी. दोनों ने इससे पहले भी कई फिल्में की थीं जैसे साजन, थानेदार, कानून अपना अपना. दोनों की जोड़ी को बॉलिवुड की सबसे हॉट जोड़ियों में से एक माना जाता है. लेकिन जब से संजय दत्त ने जेल की हवा खाई है तभी से माधुरी ने भी कसम खा ली है कि वह कभी संजय दत्त के साथ काम नहीं करेंगी. वैसे खबर है कि संजय दत्त और माधुरी दीक्षित की जोड़ी “अग्निपथ” के रिमेक में नजर आएगी.
साल 1999 में फिल्म “वास्तव” ने उन्हें उनके कॅरियर का पहला फिल्मफेयर अवार्ड दिलाया. इसके बाद संजय दत्त ने कई हिट फिल्मे दीं जिनमें मिशन कश्मीर, जोड़ी नं 1, हथियार, कांटे, मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस, दस, लगे रहो मुन्ना भाई जैसी सफल फिल्में शामिल हैं. फिल्म ‘मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार का अवार्ड भी मिला.
आज 51 साल के होने के बाद भी संजय दत्त बॉलिवुड में उसी जोश से काम कर रहे हैं जैसा वह पहले किया करते थे. संजय दत्त किसी भी रोल को छोटा नहीं समझते और यही कारण है कि वह आज भी बॉलिवुड में टिके हुए हैं और लगातार हिट फिल्में दिए जा रहे हैं. साल 2010 में उन्होंने “नो प्रॉब्लम” और इस साल उन्होंने “डबल धमाल” में अपने अभिनय से साबित कर दिया कि किसी भी रोल को निभा पाना उनके लिए नामुमकिन नहीं है.
संजय दत्त और राजनीति
संजय दत्त ने साल 2009 में समाजवादी पार्टी की तरफ से लोकसभा चुनावों में भी हिस्सा लिया और वह पार्टी के सदस्य बने. संजय दत्त और अमर सिंह की दोस्ती भी बीते दिनों काफी देखने में आई जब अमर सिंह की राह पर चलते हुए संजय दत्त ने भी समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ दिया. अब तो संजय दत्त राजनीति से दूर ही रहने की कोशिश करते नजर आते हैं.
संजय दत्त और मान्यता दत्त
संजय दत्त की पहली शादी साल 1989 में अभिनेत्री रिचा सिंह से हुई थी लेकिन 1996 में ब्रेन कैंसर से रिचा की मौत हो गई. इसके बाद साल 1998 में संजय दत्त ने मॉडल रिया पिल्लै (Rhea Pillai) से दूसरी शादी की लेकिन यह शादी भी 2005 में तलाक के साथ खत्म हो गई. साल 2008 में संजय दत्त ने मान्यता से शादी की जो उनकी दोस्त थीं. हाल ही में संजय दत्त के दो जुड़वा बच्चे हुए हैं. संजय दत्त की पहली बेटी का नाम त्रिशला है जो संजय दत्त को बहुत प्यारी है.
संजय दत्त ने आज बॉलिवुड में जो अपनी जगह बनाई है वह जगह बना पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता. एक लडाकू की तरह वह हर परेशानी का डटकर सामना करने के लिए जाने जाते रहे हैं. 50 के पार का होने के बाद भी संजय दत्त का जादू अभी खत्म नहीं हुआ है. साल 2011 में संजय दत्त कई फिल्मों में नजर आने वाले हैं जिनमें पावर, रा वन, अग्निपथ जैसी फिल्में शामिल हैं.
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